Wednesday, May 1, 2024
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पुणे के कोंंढवा में जिस जगह रहते हैं हिंदू, जो सरकारी जमीन प्लेग्राउंड के लिए आवंटित, उस पर बनाया जा रहा कब्रिस्तान

कई हिन्दू सोसायटी ने इस जगह (सर्वे नंबर 44) पर कब्रिस्तान बनाने पर एतराज जताते हुए पुणे नगर निगम (पीएमसी) से शिकायत की है। कहा है, "इस जमीन के आसपास कई हिंदू सोसायटी हैं। इस जगह पर हजारों हिंदू परिवार रहते हैं। इस क्षेत्र में कई हिंदू मंदिर भी हैं। यहाँ कब्रिस्तान बनाने से उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत होंगी।”

महाराष्ट्र के पुणे जिले के कोंढवा से एक हैरान करने वाला मामले सामने आया है। यहाँ खेल का मैदान बनाने के लिए आवंटित की गई सरकारी जमीन को अब मुस्लिम कब्रिस्तान में बदला जा रहा है।

इस संबंध में एनसीपी के पूर्व विधायक चेतन तुपे और बीजेपी नेता योगेश टिलेकर ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को एक पत्र लिखा था। पत्र में हिंदू सोसायटीज के पास स्थित इस जमीन को कब्रिस्तान के लिए मुफीद बताया था। इसमें कहा गया था कि कोंढवा में मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है। करीब में कब्रिस्तान होना उनके लिए सहूलियत भरा होगा।

कई हिन्दू सोसायटी ने इस जगह (सर्वे नंबर 44) पर कब्रिस्तान बनाने पर एतराज जताते हुए पुणे नगर निगम (पीएमसी) से शिकायत की है। सर्वे नंबर का मतलब सरकारी आवंटित जमीन के टुकड़े की विशिष्ट आईडी संख्या है। ऐसी एक शिकायत रविराज कोलोराडो कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की है।

रविराज कोलोराडो कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी का शिकायत पत्र

23 अक्टूबर 2023 की इस शिकायत में कहा गया है, “इस जमीन के आसपास कई हिंदू सोसायटी हैं। इस जगह पर हजारों हिंदू परिवार रहते हैं। इस क्षेत्र में कई हिंदू मंदिर भी हैं। यहाँ कब्रिस्तान बनाने से उनकी धार्मिक भावनाएँ आहत होंगी।” हालाँकि पीएमसी ने अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

इसी तरह के शिकायत पत्र पीएमसी को अचलनगर सहकारी गृहरचना सोसायटी लिमिटेड और श्री वर्धमान नगर कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड ने लिखे हैं। इनमें कहा गया है कि इलाके में लगभग 12000 से 15000 हिंदू परिवार रहते हैं। ऐसे में प्लेग्राउंड के लिए आवंटित जगह पर कब्रिस्तान बनाना गलत होगा। ऑपइंडिया को मिले इन शिकायत पत्रों पर सोसायटी के सभी हिंदू सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।

अचलनगर सहकारी गृहरचना सोसायटी लिमिटेड का शिकायत पत्र

NCP के MLA का दावा सर्वे नं. 44 की जगह मुस्लिम आबादी से घिरी

यह विवाद साल 2021 एनसीपी विधायक रहे चेतन तुपे पाटिल द्वारा पीएमसी को पत्र लिखने के बाद से ही चला आ रहा है। इसमें उन्होंने कोंढवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मुस्लिम बसावट का दावा करते हुए सर्वे नंबर 44 प्लॉट को मुस्लिम कब्रिस्तान बनाए जाने का सुझाव दिया था।

उनके इस सुझाव के कुछ वक्त बाद पीएमसी की एमेनिटी स्पेस कमेटी ने सलाह दी कि सर्वे नंबर 18 और 19 एमेनिटी स्पेस में मुस्लिम कब्रिस्तान बनाया जाएगा और सर्वे नं 44 में खेल का मैदान यानी प्ले ग्राउंड बनाया जाए। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने दबाव डाला कि सर्वे नंबर 44 की निकटतम दूरी को देखते हुए ये जगह बेहतर होगी और सर्वे नंबर 18 और 19 क्षेत्र में कथित कब्रिस्तान समुदाय के लिए आने-जाने में परेशानी होगी।

पीएमसी दस्तावेज़ जो मुस्लिम कब्रिस्तान के संचालन के लिए सर्वे नं 44 भूखंड को मंजूरी देता है

इसे लेकर नगरसेवक, वकील अब्दुल गफ़र पठान, परवीन हाजी फ़िरोज़ शेख और पूर्व एनसीपी विधायक चेतन तुपे पाटिल ने सर्वे संख्या 44 जगह की माँग को लेकर पीएमसी को कई पत्र भेजे थे। इनमें गलत दावा किया गया कि प्लॉट (सर्वे नंबर 44) के आसपास रहने वाली अधिकांश आबादी मुस्लिमों की थी और उनके लिए यहाँ कब्रिस्तान बनाना सहूलियत भरा होगा।

सर्वे नं. 44 पर क़ब्रिस्तान बनाने की वकालत करने एक ऐसा ही पत्र पीएमसी को 8 मई 2023 को भाजपा के योगेश टिलेकर ने भी भेजा था। इसमें कहा गया है कि सर्वे नं. 18 और 19 वाली जगह जहाँ कब्रिस्तान बनाने की बात की जा रही है वो कोंढवा में रहने वाले मुस्लिम इलाके से बहुत दूर है। इसके जगह पर सर्वे नं. 44 की जगह सही होगी। पीएमसी ने 16 मई को टिलेकर के पत्र के आधार पर सर्वे नं. 44 वाली जगह पर क़ब्रिस्तान बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

अब टिलेकर ने ऑपइंडिया के साथ बातचीत में कहा है कि सर्वे नंबर 44 की जगह के आसपास की स्थिति को लेकर उन्हें गुमराह किया था। जमीनी हकीकत पता चलने पर उन्होंने उस जगह पर कब्रिस्तान का निर्माण नहीं होने देने की बात कही है। एक आरटीआई से यह बात भी सामने आई है कि इस जगह पर प्लेग्राउंड बनाने के लिए 49 लाख रुपए खर्च भी किए जा चुके हैं। आश्चयर्जनक तौर पर फिर भी यह जगह खाली है और अब कब्रिस्तान बनाने की कवायद चल रही है।

गौरतलब है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के पुणे मॉड्यूल से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी कोंढ़वा से ही हुई है। यह बात भी सामने आई है कि कब्रिस्तान का विरोध करने पर हिंदू सोसायटीज में रहने वाले कई लोगों को धमकी भी दी गई है।

(ये रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में सिद्धि सोमानी ने लिखी है। इस लिंक पर क्लिक कर आप पूरी रिपोर्ट पढ़ सकते हैं)

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Siddhi Somani
Siddhi Somani
Siddhi Somani is known for her satirical and factual hand in Economic, Social and Political writing. Having completed her post graduation in Journalism, she is pursuing her Masters in Politics. The author meanwhile is also exploring her hand in analytics and statistics. (Twitter- @sidis28)

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