दिल्ली में नियम-कायदों को ताक पर रखकर कार्यक्रम आयोजित करने और निजामुद्दीन स्थित अपने मरकज में सैकड़ों लोगों को रखने वाले तबलीगी जमात के इरादे महाराष्ट्र में भी बड़ा जुटान करने के थे। उसने 12-13 मार्च को वसई सनसिटी में 50,000 लोगों को इकट्ठा करने की योजना बनाई थी। लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के दो मामले सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस आयोजन की अनुमति से इनकार कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने प्रारंभ में 6 फरवरी को इस जलसे के लिए अपनी अनुमति दे दी थी। बाद में इस निर्णय को बदल दिया गया, क्योंकि संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सतर्कता बरतने की जरूरत समझी गई। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि जब तबलीगी जमात ने अपने जलसे को लेकर अड़ने की कोशिश की तो उन्होंने सख्त लहजे में क़ानूनी एक्शन लेने की चेतावनी दी।
कोंकण रेंज के इंस्पेक्टर जनरल निकट कौशिक ने कहा, “हमने 6 मार्च को अपनी अनुमति वापस ले ली और उन्हें इसके बाबत सूचना दे दी।” तबलीगी जमात के एक सदस्य ने बताया कि उनकी योजना महाराष्ट्र के पुणे, रत्नागिरी और रायगढ़ में ऐसे ही जलसों को आयोजित करने की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार ठाणे के राबोडी पुलिस स्टेशन में लॉकडाउन का उलंघन करने पर एक समूह के 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जो नमाज अदा करने के लिए इकट्ठे हुए थे। 15 बांग्लादेशी और 12 मलेशियाई नागरिकों के विरुद्ध भी एफआईआर दर्ज की गई है। ये निजामुद्दीन के मरकज में गए थे। राज्य के मंत्री जितेंद्र अहृवाड ने बताया कि फिलहाल इन सभी को अभी होम क्वारन्टाइन में रखा गया है।
287 में से उन 211 विदेशी नागरिकों के पासपोर्ट जब्त किए जा चुके हैं जो मार्च 13-15 के बीच तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ये सारे विदेशी उत्तर प्रदेश की अलग-अलग मस्जिदों में छिपे हुए थे। इनके खिलाफ कुल 34 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन 960 विदेशी नागरिकों के वीजा को भी निरस्त कर दिया जिन्होंने नियमों की अवहेलना करते हुए तबलीगी की गतिविधियों में हिस्सा लिया था। यह भी रिपोर्ट्स में आ रहा है कि कल बृहस्पतिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के जो मामले सामने आए हैं, उनमें 60% मामले उनसे संबंधित हैं जो मरकज में शामिल हुए थे।