Tuesday, October 15, 2024
Homeदेश-समाजLOC पर शहीद हुए मेजर शशिधरन की प्रेम कहानी एक मिसाल है

LOC पर शहीद हुए मेजर शशिधरन की प्रेम कहानी एक मिसाल है

मेजर शशिधरन की तृप्ति के साथ सगाई हुई। जीवन में प्रेम आया ही था कि एक त्रासदी हुई और तृप्ति को लकवा मार गया। बावजूद इसके वादे के पक्के मेजर शादी से पीछे नहीं हटे और उन्होंने तृप्ति से शादी की।

जम्मू-कश्मीर के राजोरी जिले में लाम बटालियन 2/1 जीआर में तैनात जवान मेजर शशिधरन को आज देश उनकी वीरता के लिए याद कर रहा है। शशिधरन बीते दिनों एलओसी पर गश्त के दौरान आतंकियों के IED ब्लास्ट में शहीद हो गए थे। शशिधरन न सिर्फ़ एक सच्चे देशभक्त थे बल्कि, इनसानियत के धनी और वादे के पक्के भी। एक तरफ देश जहाँ उनकी देशभक्ति को याद कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उनकी प्रेम कहानी को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है।

30 जुलाई 1985 को पुणे के पास खड़गवासला गाँव में जन्मे मेजर शशिधरन का बचपन से सपना था, सेना की वर्दी में देश की रक्षा करना। वो एनसीसी में जाने के लिए रोजाना दोस्त की साइकिल से 15 किलोमीटर का सफ़र तय करते थे। केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद वो एनडीए में गए और फिर सेना में शामिल हुए।

प्रेमिका को नौकरी मिलने के बाद किया था शादी का वादा

मेजर नायर तृप्ति नाम की लड़की से प्रेम करते थे। सेना में नौकरी मिलने के बाद उन्होंने तृप्ति से शादी करने का फ़ैसला लिया था। और वादे के मुताबिक दोनों ने सगाई भी कर ली थी। लेकिन शादी से ठीक पहले तृप्ति बीमार हो गईं, बीमारी बढ़ती गई और एक दिन तृप्ति को लकवा मार गया। दोस्त-रिश्तेदार सब शादी न करने की सलाह दी। तृप्ति ने खुद भी यही समझाया मेजर नायर को। लेकिन मेजर नायर मेजर थे, उन्होंने शादी करने का फ़ैसला किया। शादी के बाद दोनों बहुत खुश थे। मेजर नायर हर पार्टी और फ़ंक्शन में तृप्ति को अपने साथ ले जाते थे।

मेजर शशिधरन के एक करीबी मित्र रोहित कहते है, ”मुझे उम्रभर इस बात का अफ़सोस रहेगा कि मैं उनके आखिरी व्हाट्सएप संदेश का जवाब नहीं दे पाया। मुझे बहुत बुरा लग रहा है। वो पूरी तरह से एक सज्जन और विनम्र व्यक्ति थे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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