कोरोना की दूसरी लहर लगातार बढ़ रही है। महाराष्ट्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। मंगलवार (अप्रैल 12, 2021) को राज्य में 60 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए, जबकि पूरे देश में 1.8 लाख के करीब मामले सामने आए। सिर्फ़ मुंबई की बात करें तो वहाँ एक दिन में 9986 केस आए हैं और स्थिति जस की तस है।
इस बीच मिड डे ने महाराष्ट्र में कोरोना के नाम पर हो रहे एक और भ्रष्टाचार को उजागर किया है है। रिपोर्ट के मुताबिक कई टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर लोगों को 300 रुपए में कोविड 19 की नेगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं। इससे पहले 10 से 12 हजार रुपए देकर विदेश से आने वालों को क्वारंटाइन की जगह घर भेजे जाने की बात सामने आई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में लॉकडाउन जैसी पाबंदियों के बाद कई लोग अपने घर लौटने को मजबूर हैं। कई राज्यों ने महाराष्ट्र से लौटने वालों के लिए कोविड-19 RT-PCR की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है। लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठाकर टूर एंड ट्रैवल्स वालों ने नया धंधा शुरू किया है। यहाँ वे यात्रियों को 300 रुपए में कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं, वो भी बिना टेस्ट के।
इस पूरी जालसाजी का खुलासा मिड-डे के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ, जिसे मिड-डे ने घाटकोपर गोपाल भुवन स्टॉप और बोरिवली एसजीएनपी बस स्टॉप पर किया। मिड डे ने पाया कि कई ऑपरेटर इस नए धंधे को धड़ल्ले से चला रहे हैं और गुजरात तथा राजस्थान जाने वालों को 300 से 500 रुपए में कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट दे रहे हैं।
Mumbai: Many travel agents issuing COVID-19 negative report for Rs 300.
— Roads of Mumbai 🇮🇳 (@RoadsOfMumbai) April 14, 2021
This shows how deep rooted corruption is there in our system.@mid_day comes up with another great investigation 👏 @VishooSingh
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इसी क्रम में मीरा रोड पर एक टूर बस ऑपरेटर का भंडाफोड़ क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को किया। लेकिन बावजूद इसके बाकी ट्रैवल एजेंट अपना बिजनेस चलाते रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, मिड डे के रिपोर्टर, गोपाल भुवन बस स्टॉप पर ऑपरेटर्स के दफ्तर गए और अपना स्टिंग किया। इस दौरान उन्हें 300 से 500 रुपए में नेगेटिव रिपोर्ट मुहैया करवाई गई। वहीं बस में काम करने वालों ने बताया कि रिपोर्ट की आवश्यकता सिर्फ़ महाराष्ट्र से गुजरात जाते हुए चेक प्वाइंट पर पड़ती है।
घाटकोपर से उदयपुर जाने वाले ड्राइवर ने बताया की अगर सुरक्षा बहुत कड़ी होती है तो फेक रिपोर्ट वालों को चेक प्वाइंट पर किसी लोकल नंबर प्लेट वाली गाड़ी में बैठाकर चेकप्वाइंट पार करवा दिया जाता है। सबको लगता है कि वह वहीं के निवासी हैं। लेकिन चेकप्वाइंट के पार होते ही यात्री दोबारा बस में चढ़ता है और उसे उसके स्थान पर छोड़ा जाता है।
पूछताछ में मिड डे को एक बस के क्लीनर ने भी यही सारी बातें बताईं। साथ ही कहा कि RT-PCR टेस्ट ऑनलाइन होता है। उसने रिपोर्टर को अपने टेस्ट रिपोर्ट भी दिखाई। इतना ही नहीं, बोरिवली के टूर ऑपरेटर तो इस बात पर भी कॉन्फिडेंट नजर आए कि अगर कुछ हुआ तो हर चीज के लिए वह जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि उनके दिए फर्जी सर्टिफिकेट असली वाले से भी ज्यादा बढ़िया हैं, क्योंकि उनकी पहले ही सीमा पर तैनात पुलिस कर्मियों से साँठ-गाँठ हो रखी है, जिसके चलते पुलिस वाले उन्हें जाने देते हैं जबकि बाकी बस वालों को, यानी नियम पालन करने वालों को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है।
स्टिंग ऑपरेशन में हुई बातचीत
इस रिपोर्ट में मिड डे ने अपने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान जिन लोगों से बात की, उस बातचीत के अंश भी हैं। इसमें मिड डे रिपोर्टर ने मारुति नंदन ट्रैवल्स के रमेश से बात की। रमेश ने बताया कि टिकट का 2500 रुपए लगेगा और रिपोर्ट का 500 रुपए। इस पर रिपोर्टर ने पूछा कि क्या वह रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध करवा देंगे। उसने मिड डे के रिपोर्टर से कहा कि 24 घंटे में इसका इंतजाम हो जाएगा, बस 500 रुपए देने होंगे।
इसके बाद एक मणिक नाम के बस ड्राइवर ने भी कहा कि वह रिपोर्ट अरेंज कर देगा। मणिक ने बताया कि एक बार सीमा पर उसकी बस पकड़ ली गई थी लेकिन उसने पुलिस से कहा, “सर मेरी बस मुझे दे दो, मैं मुंबई वापस जा रहा हूँ। उन्होंने कहा अगर वापस लौट रहे हो तो हम जाने देंगे। मैं वापस आ गया। लोगों को मिनी वैन और रिक्शे में बॉर्डर क्रॉस करवा दिया गया। एक आदमी का 1200 रुपए लगा।” मिड डे ने मणिक से पूछा कि रिपोर्ट में दिक्कत क्या थी। इस पर मणिक ने कहा कि अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट फर्जी है और 20 लोगों के पास ऐसी रिपोर्ट थी।
इसके बाद मणिक ने किसी को फोन करके बताया कि 6 लोगों को उदयपुर जाना है, टिकट का इंतजाम होगा? जिस पर एक ब्लू शर्ट में संकेत नाम का आदमी वहाँ आया और सारी जानकारी लेने के बाद कहा कि 2500 रुपए लगेंगे और कोविड रिपोर्ट के साथ स्लीपर बस में 2800 रुपए। पैसे देने की बात पर संकेत ने कहा कि यदि आज पैसे दे दिए जाएँगे तो काम कल तक हो जाएगा। इसके बाद भी यदि पुलिस फेक रिपोर्ट पहचान ले तोकिन बावजूद फेक रिपोर्ट के 50 से 100 रुपए रास्ते में देने को तैयार रहना कि कहीं पुलिस फेक रिपोर्ट पहचान ले।
रिपोर्ट में इसी तरह फैल्कॉन बस लाइन के रोहित जैसवाल और लंदन परी बस के क्लीनर राठौड़ और ड्राइवर से भी बातचीत के अंश हैं। रोहित ने जहाँ पूछताछ में कहा कि इस काम के लिए 400 से 500 रुपए अतिरिक्त लगेंगे और डॉक्यूमेंट्स में आधार कार्ड लगेगा। वहीं लंदन परी बस के ड्राइवर ने बताया कि बिन रिपोर्ट के चेकप्वाइंट पार करने नहीं दिया जाएगा और उन्हें वापस लौटना पड़ेगा। अगर रिपोर्ट मिल गई तो फिर राजस्थान तक कोई सवाल नहीं होगा।
इतने पर राठौड़ ने बताया कि आजकल रिपोर्ट ऑनलाइन मिल रही है। जब पूछा गया कि वो अपनी दिखाए तो उसने रिपोर्ट दिखा कर कहा कि इसके लिए सिर्फ आधार लगता है और ये उनके ऑफिस में ही बन जाती है। ड्राइवर ने भी रिपोर्टर को नेगेटिव रिपोर्ट लेकर चलने को कहा। वह बोला कि अगर ऐसा नहीं किया तो पैदल बॉर्डर पार करना होगा और रात में महिलाओं के लिए ये ठीक नहीं है, इसलिए रिपोर्ट लेना सबसे सही है।
10-12 हजार रुपए लेकर विदेश से आए लोगों को भेज रहे थे घर
बता दें कि इससे पहले भी मुंबई के हालातों को उजागर करती मिड डे ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि कैसे BMC के अधिकारी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाहरी देशों से आए लोगों को 7 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में रखने की बजाय उनसे 10-12 हजार रुपए लेकर उन्हें एयरपोर्ट से निकलने में मदद कर रहे हैं।
मिड-डे ने खुलासा किया था कि एयरपोर्ट पर बीएमसी अधिकारियों को इसलिए तैनात किया गया कि वो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश जैसे- ब्रिटेन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीका, से आए यात्रियों का 7 दिन का क्वारंटाइन सुनिश्चित करें, लेकिन अधिकारी उनसे पैसों की लेन-देन कर उन्हें छोड़ रहे हैं। समाचार पत्र ने अपनी पड़ताल में यह भी पाया कि यात्रियों को एयरपोर्ट से निकालने के लिए एक विस्तृत व्यवस्था है।