Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाजमंच पर माँ सरस्वती की तस्वीर से भड़का मराठी कवि, हटाई नहीं तो ठुकराया...

मंच पर माँ सरस्वती की तस्वीर से भड़का मराठी कवि, हटाई नहीं तो ठुकराया अवॉर्ड

“मैं आशा कर रहा था कि विदर्भ साहित्य संघ मेरे विचारों और सिद्धांतों पर मंथन करेगा लेकिन आयोजकों का कहना है कि मंच पर देवी सरस्वती की पूजा होगी। मैं साहित्य में धर्म का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता हूँ इसलिए मैं इस सम्मान को अस्वीकार करता हूँ। मैंने पहले भी कई पुरस्कार सिर्फ इस वजह से ही अस्वीकार किए हैं।”

एक मराठी कवि ने पुरस्कार लेने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि सम्मान समारोह के मंच पर देवी सरस्वती की तस्वीर रखी हुई थी। यह सम्मान समारोह महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। मराठी कवि यशवंत मनोहर का कहना था कि उन्होंने सम्मान समारोह के मंच पर रखी गई सरस्वती की तस्वीर पर आपत्ति जताई थी। फिर भी तस्वीर नहीं हटाई गई थी इसलिए उन्होंने पुरस्कार लेने से मना कर दिया। यशवंत मनोहर पहले भी इस कारण के चलते कई पुरस्कार लौटा चुके हैं। 

दरअसल, महाराष्ट्र की चर्चित साहित्य संस्था ‘विदर्भ साहित्य संघ’ ने यशवंत मनोहर को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए बुलाया था। यह सम्मान समारोह गुरुवार (14 जनवरी 2021) को रंग शारदा हॉल में आयोजित किया गया था। मराठी कवि को इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए यह भी बताया गया था कि इसमें सरस्वती पूजन भी होगा। इस बात पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई। 

यशवंत मनोहर के अनुसार, “देवी सरस्वती की मूर्ति उस शोषक मानसिकता का प्रतीक है जिसकी वजह से महिला और शूद्र शिक्षा-ज्ञान प्राप्त करने से दूर रहे।” हालाँकि, आयोजकों ने मराठी कवि की इस बात को स्वीकार नहीं किया और कहा कि कार्यक्रम का प्रारूप नहीं बदला जा सकता है। अंततः यशवंत सम्मान समारोह में शामिल नहीं हुए और उन्होंने विदर्भ साहित्य संघ को मराठी में एक चिट्ठी लिखी। 

उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा, “मैं आशा कर रहा था कि विदर्भ साहित्य संघ मेरे विचारों और सिद्धांतों पर मंथन करेगा लेकिन आयोजकों का कहना है कि मंच पर देवी सरस्वती की पूजा होगी। मैं साहित्य में धर्म का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकता हूँ इसलिए मैं इस सम्मान को अस्वीकार करता हूँ। मैंने पहले भी कई पुरस्कार सिर्फ इस वजह से ही अस्वीकार किए हैं।” 

विदर्भ साहित्य संघ की स्थापना 1923 में मराठी साहित्य के विस्तार के लिए हुई थी। यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में साहित्य से जुड़े काम करने वाली सबसे व्यापक संस्था है। यह संस्था हर वर्ष मराठी साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए ऐसे आयोजन करवाती है। संस्था हर दो वर्ष के अंतराल पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड भी देती है और इस वर्ष यशवंत मनोहर को इसके लिए चुना गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सम्मान समारोह में सरस्वती देवी की पूजा की परम्परा लगभग 9 दशकों से निभाई जा रही है। इस परम्परा को किसी भी सूरत में बदला नहीं जा सकता है।  

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऑडिटर रमेश को याद कर तमिलनाडु में भावुक हुए PM मोदी, आतंकियों ने घर में घुस कर BJP नेता को मार डाला था: 1...

54 वर्षीय ऑडिटर रमेश की जुलाई 2013 में घर में घुस कर हत्या कर दी गई थी। ये वो दौर था जब बम धमाके होते थे, हिन्दू कार्यकर्ता मार डाले जाते थे। अब तक न्याय के लिए लड़ रहीं माँ।

नारायणमूर्ति का 4 महीने का पोता अरबपतियों की लिस्ट में शामिल, दादा ने दिए इंफोसिस के ₹240 करोड़ के शेयर

अपने पोते एकाग्रह को नारायणमूर्ति ने अपनी कम्पनी इंफोसिस के 15 लाख शेयर दिए हैं। यह शेयर उन्होंने अपने हिस्से गिफ्ट के तौर पर दिए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe