किशन भरवाड की हत्या मामले में पकड़े गए मौलाना उस्मानी की अब जगह-जगह पुरानी वीडियो शेयर हो रही है। इन वीडियोज में वो न केवल मुस्लिमों को भड़का रहा है बल्कि सैन्य अधिकारियों की मृत्यु पर उनका मखौल उड़ा रहा है, उनकी मौत को जायज ठहरा रहा है। उस्मानी की एक वीडियो फेसबुक पर 3 जनवरी को अपलोड की गई थी। इस वीडियो में वो अपने समर्थकों को समझा रहा था कि आरएसए उनकी दुश्मन है। भले ही उन्हें (मुस्लिमों को) लगे कि आरएसएस बहुत शक्तिशाली है लेकिन ये नहीं भूला जाना चाहिए उनके पास अल्लाह की दी गई ताकत है।
उस्मानी का RSS और CDS रावत का बयान
वीडियो में वह कहता है, “हमारा सबसे बड़ा दुश्मन आरएसएस है। RSS इतना शक्तिशाली है कि पहली नज़र में ऐसा लगता है कि उनका सामना करना मूर्खता है। लेकिन हम (मुसलमानों) के पास अल्लाह की दी शक्ति और साहस है। अगर हमें अल्लाह पर यकीन है तो हम आरएसएस जैसी 10 ताकतों का भी सामना कर सकते हैं। उन्होंने मुझे 19 दिनों के लिए जेल में डाल दिया उन्हें लगा कि अब मिशन खत्म हो गया, लेकिन कई गुना ताकत के साथ मिशन जारी रहा। उन्होंने अगर एक कमर उस्मानी और एक सलमान अजहरी को सलाखों के पीछे बंद भी कर दिया तो इंशाल्लाह घर-घर से कमर उस्मानी और सलमान अजहरी पैदा होगा। दुनिया हमारे मजहब के लिए हमारी मोहब्बत को देखेगी। मीडिया वाले हों तो इस बात को रिकॉर्ड कर लें कि खैर मनाओ… अगर एक वफादार मुसलमान जिहाद करने पर आ गया, तो तुम्हारी सभी मिसाइलें और सभी सेनाएँ इस्लाम की ताकत के सामने रखी रह जाएगी। कोई कुछ नहीं कर पाएगा।”
उस्मानी ने आगे कहा, “हमसे गलती ये हुई कि जब आईएसआईएस ने अपने आतंकी हमलों से लोगों को बताया कि जिहाद बुरी चीज है, तब हम चुप रहे। हमने उन्हें सही नहीं किया। हमें बताना चाहिए था कि जिहाद आतंकवाद नहीं, बल्कि सही के साथ खड़े होने और न्याय करने को कहा जाता है। जब इस्लाम का असली मुजाहिद मुस्लिमों को खड़ा करेगा तो कोई सेना, कोई कमांडर मुस्लिमों को नहीं दबा पाएगा। उन्होंने तीनों फोर्स के लिए एक कमांडर बनाया। देखा अल्लाह ने उसके साथ क्या किया। अल्लाह की मर्जी के बिना किया गया कोई भी काम बेकार जाएगा।” अपनी इस वीडियो में उस्मानी ने मुस्लिमों को चुपचाप बैठने से और सिर्फ दुआ करने से मना किया और कहा कि वो खड़े हों और अपने लिए लड़ें।
मुस्लिम नेता इस्लाम को दे प्राथमिकता
इसी तरह अगली वीडियो में उस्मानी को मुस्लिम राजनेताओं को संदेश जारी करते देखा जा सकता है। वह कहता है कि हर मुस्लिम राजनेता, विधायक, पार्षद को इस्लाम को अपनी प्राथमिकता मानना चाहिए। हर पद और ताकत बेफिजूल हैं अगर उसका इस्तेमाल इस्लाम के लिए न किया जाए। उस्मानी कहता है कि राजनैतिक शक्तियों का उपयोग अल्लाह की सेवा करने के लिए किया जाना चाहिए।
वह कहता है कि कुछ मुस्लिम होते हैं जो पुलिस गिरफ्तारी और लाठियों से डरते हैं। लेकिन इस्लाम को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है जिन्हें अपनी खैरियत की इतनी फिक्र हो। इस्लाम उन कट्टर लोगों को चाहता है जो इस्लाम के लिए खुद को भूल जाएँ। अपनी वीडियो में उस्मानी ने माना कि उसने दिल्ली प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को भड़काया था कि मुस्लिमों को अपनी खैरियत छोड़ देनी चाहिए और कुर्बानी की मानसिकता के लिए तैयार रहना चाहिए। उसने कहा था, “हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जो कुर्बानी की सोच के साथ जमीन पर उतरें। वापस आए तो गाजी, ना आए तो शहीद।”
यहाँ बता दें कि उस्मानी ईशनिंदा करने वालों के ख़िलाफ़ लगातार अपने समर्थकों को भड़काता रहा है और साथ ही ‘सर तन से जुदा’ नारे को बढ़ावा देता है। स्वराज्य पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा द्वारा शेयर एक वीडियो में हमने देखा था कि वो कैसे पुलिस से इस बात के लिए भिड़ा हुआ था कि उसे उस प्रदर्शन में जाना जहाँ ईशनिंदा करने वालों के ख़िलाफ़ मौत की सजा का समर्थन हो रहा है।इसके अलावा उसने हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या को भी पिछले साल जायज ठहराया था।