दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। यही कारण है कि पहले तो मरकज में शामिल होने वाले जमातियों को खोज-खोजकर क्वारंटीन किया जा रहा है। वहीं योगी सरकार ने भी अपने प्रदेश में ऐसे जमातियों को खोजने का अभियान शुरू कर दिया है, जो लॉकडाउन के बाद भी दूसरे देशों या प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आकर इस्लाम के प्रचार के नाम पर गाँव-गाँव लोगों से मिलते हुए घूम रहे हैं या फिर मस्जिदों में ठहर रहे हैं। इसी कार्रवाई के तहत यूपी पुलिस ने मेरठ के मौलवी के घर से 14 जमातियों को हिरासत में लिया है। इसके बाद सभी को जाँच के लिए क्वारंटीन किया गया है।
मस्जिद पर छापे के बाद मौलाना ने अपने घर पर इन्हें छिपा रखा था.https://t.co/Ua93f3y0oj
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) March 31, 2020
न्यूज 18 हिंदी की खबर के मुताबिक मेरठ के काशी में एक मौलाना के घर से पकड़े गए 14 जमाती नेपाल, बिहार, दिल्ली और महाराष्ट्र के हैं, जो कि एक मस्जिद में रह रहे थे, लेकिन निजामुद्दीन में हुई घटना के बाद से मस्जिदों पर हो रही छापेमारी के बाद एक मौलाना ने इन जमातियों को अपने घर में छिपा लिया था। जानकारी के मुताबिक इंटेलीजेंस इनपुट के बाद पुलिस ने इन सभी को पकड़ा है। इसके बाद सभी को पुलिस ने क्वारंटीन करके सैंपल जाँच के लिए भेज दिए हैं। वहीं यूपी पुलिस अब आरोपी मौलाना के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
दूसरी ओर गाँव में छापेमारी के दौरान पकड़े गए जमातियों को देख गाँव में हड़कंप मच गया है और लोगों को भय है कि इनमें से अगर एक भी जमाती को कोरोना पॉजीटिव पाया जाता है तो एक मौलाना की गलती पूरे गाँव पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि जमातियों ने मस्जिद में रहने के दौरान कई बार गाँव में भ्रमण किया था और सैकड़ों लोगों से अलग-अलग समय में मुलाकात भी की थी। अब सभी को रिपोर्ट का इंतजार है। दरअसल, इन सभी जमातियों ने दिल्ली में हुए मजहबी सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
आपको बता दें कि निजामुद्दीन में हुए मजहबी सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के 157 जमातियों ने हिस्सा लिया था। इसके बाद से यूपी सरकार ने सभी की पड़ताड़ करके क्वारंटीन करने का निर्देश दे दिया है। इसेक बाद से ही यूपी पुलिस जगह-जगह मस्जिदों में छापेमारी कर रही है। वहीं जमात से लौटे तेलंगाना के 6 लोगों समेत 10 की कोरोना वायरस के चलते मौत हो चुकी है।