मिर्ज़ापुर में एक सरकारी स्कूल में छात्रों को मिड डे मील के नाम पर नमक-रोटी दिए जाने की बात सामने आई थी। स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने इसका वीडियो बनाया था, जिसके बाद डीएम ने वहाँ छानबीन करने के बाद जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की। हालाँकि, डीएम अनुराग पटेल बाद में पलट गए और पत्रकार को ही दोषी ठहराने लगे। उनका कहना था कि प्रिंट के पत्रकार ने वीडियो क्यों बनाया, फोटो क्यों नहीं क्लिक किया? पत्रकार पर मुक़दमे दायर कर दिए गए और उसके साथी को जेल भेज दिया गया।
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कहा कि ये एक साज़िश के तहत किया गया है। डीएम भी इसी नैरेटिव को आगे बढ़ाते दिखे। अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है। मामला जमालपुर के शिउर का है। वहाँ के जिस सरकारी स्कूल का यह मामला है, उस स्कूल में मिड डे मील तैयार करने वाली कुक रुक्मणि देवी ने कहा है कि पत्रकार की कोई ग़लती नहीं है। उन्होंने स्कूल के ही किसी मुरारी सर का नाम लेते हुए कहा कि सारी ग़लती उनकी है।
उन्होंने कहा कि जब बच्चों को नमक-रोटी खाने दिया गया था, तभी पत्रकार पवन ने वहाँ पहुँच कर मामले का वीडियो बनाया। जब रुक्मणि देवी से पूछा गया कि बच्चे नमक-रोटी खाने को मजबूर क्यों हैं तो उन्होंने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी तरफ से संसाधन दिए ही नहीं जाते हैं ताकि बच्चों को अच्छा खाना खिलाया जा सके। रुक्मिणी देवी ने सवाल किया कि जब उन्हें संसाधन ही नहीं दिया जाएगा तो वह छात्रों के लिए खाना कैसे बनाएँगी? देखें वीडियो:
This is the cook who served rotis + salt to kids at #Mirzapur. Please hear who she blames for the mess and her opinion on journalist #PawanJaiswal , who has been booked by the @mirzapurpolice for conspiracy , for his expose on the story ! You should award the journo , @UPGovt !! pic.twitter.com/XYzCMeTUnG
— Alok Pandey (@alok_pandey) September 4, 2019
कुक रुक्मणि देवी ने बताया कि बच्चों को केला और दूध भी देने का नियम है लेकिन हर चीज में कोताही बरती गई। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इससे पहले बच्चे नमक-चावल खाने को भी मजबूर हो चुके हैं। इस मामले में डीएम अनुराग पटेल की पोल खुलती दिख रही है, जिन्होंने पहले तो कहा कि स्कूल स्तर पर गड़बड़ी हुई है और बात में पत्रकार को ही संदिग्ध बताने लगे।
#mirzapur
— Brijendra Dubey (@Brijendramzp) September 4, 2019
कलम की मार न झेल पाने वाले मिर्जापुर के जिला प्रशासन ने जब सोचा होगा कि इस कलम को कुचल देंगे तो शायद उन्होंने इस दिन की कभी उम्मीद नहीं करी होगी। आज पूरा पत्रकार समाज एकजुट हो कर पवन जायसवाल के साथ खड़ा है। pic.twitter.com/ney61DwNJH
उधर मिर्ज़ापुर में कई स्थानीय पत्रकार सड़क पर उतरे। उनकी माँग थी कि पत्रकार पवन के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफआईआर और उनके ख़िलाफ़ लगाईं गई धाराएँ वापस ली जाएँ। पत्रकारों ने रात को सड़क पर उतर के विरोध प्रदर्शन किया।