Friday, April 19, 2024
Homeदेश-समाज'मस्जिद के सामने नहीं की कोई नारेबाजी, राज्य अपने आँख-कान बंद न करे': मुंबई...

‘मस्जिद के सामने नहीं की कोई नारेबाजी, राज्य अपने आँख-कान बंद न करे’: मुंबई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारा, 3 लोगों को दी जमानत

कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकारते हुए कहा, "यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि विभिन्न समुदायों के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कौन से कदम उठाए जाएँ। राज्य को अपनी आँखें और कान बंद नहीं करने चाहिए, जिससे कोई भी निर्दोष व्यक्ति अपमानित हो।"

मुंबई की एक अदालत ने हाल में उन तीन लोगों को जमानत दी जिन्हें कुछ दिन पहले ये आरोप लगा कर पकड़ा गया था कि उन्होंने मस्जिद के बाहर ढोल बजाया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए माना कि अजान के दौरान किसी प्रकार की नारेबाजी नहीं हुई थी इसलिए आरोप लगा कर उन लोगों से पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है।

लाइव लॉ के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसयू बघेले ने कहा, “यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि विभिन्न समुदायों के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कौन से कदम उठाए जाएँ। राज्य को अपनी आँखें और कान बंद नहीं करने चाहिए, जिससे कोई भी निर्दोष व्यक्ति अपमानित हो। भारत का संविधान कहता है कि आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।”

पुलिस के अनुसार, “एक समुदाय द्वारा धार्मिक जुलूस का आयोजन किया गया था। आवेदक और अन्य इस धार्मिक जुलूस का हिस्सा थे। उन पर यह आरोप लगाया गया है उन्होंने अन्य समुदाय के लोगों को परेशान करने के लिए जानबूझकर अज़ान के समय मस्जिद के सामने ढोल बजाया। यही नहीं धार्मिक जुलूस निकालने वालों पर दंगा भड़काने और उकसाने का आरोप भी लगाया गया है। राज्य ने इस मामले में जाँच के आदेश दिए थे और यह पता लगाने को कहा था कि कि क्या यह अपराध पूर्व नियोजित था। इसके लिए उन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।”

अदालत ने कहा, “इन आरोपों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि आवेदकों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आवेदकों से पूछताछ करके इस समस्या का कोई हल नहीं निकलने वाला।” अदालत ने यह भी कहा कि एक समुदाय ने दूसरे समुदाय के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया, ऐसे में दो समुदायों के बीच किसी भी प्रकार की कोई नफरत और द्वेष पैदा नहीं हुआ। इन सबको को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि आवेदक अग्रिम जमानत के हकदार हैं।

इसके साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, “राज्य को किसी भी घटना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि सामंजस्य बन सकें। इसे विवेकपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि दो समुदायों में धार्मिक आस्था को लेकर किसी भी प्रकार की नफरत पैदा ना हो सके। संविधान में भी आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना सर्वोपरि माना गया है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्य-केंद्रशासित प्रदेशों के 102 सीटों पर मतदान: 8 केंद्रीय मंत्री, 2 Ex CM और एक पूर्व...

लोकसभा चुनाव 2024 में शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को पहले चरण के लिए 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।

‘केरल में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में सारे वोट BJP को जा रहे थे’: सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण का दावा, चुनाव आयोग...

चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe