महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में ‘निर्भया’ जैसी हैवानियत की शिकार हुई 30 वर्षीय महिला की मौत के बाद पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले के बयान से पूरे राज्य में आक्रोश है। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने शनिवार (11 सितंबर) को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कंट्रोल रूम में कॉल मिलने के 10 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुँच गई। उन्होंने आगे कहा, ”घटना के समय पुलिस हर जगह नहीं हो सकती, लेकिन सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी महिला को फौरन अस्पताल ले गए।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसीपी ज्योत्सना रसम के नेतृत्व में एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) की टीम पीड़िता के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की जाँच करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आदेश दिया है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट होगी। उन्होंने कहा कि साकीनाका की घटना इंसानियत को शर्मसार करने वाली है।
वारदात को अंजाम देने वाले 45 साल के आरोपित मोहन चौहान को पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों बाद दबोच लिया था। आरोपित को 11 सितंबर को अदालत में पेश किया गया, जहाँ अदालत ने उसे 21 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। CCTV फुटेज में खुलासा हुआ था कि वारदात को मुंबई के साकीनाका में देर रात 2.30 से 3 बजे के बीच अंजाम दिया गया था।
बता दें कि मुंबई के साकीनाका इलाके के खैरानी रोड पर दरिंदों की बर्बरता की शिकार हुई महिला ने तीन दिन बाद शनिवार (11 सितंबर) को घाटकोपर के राजावाड़ी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 9 सितंबर को 30 वर्षीय महिला खैरानी रोड पर बलात्कार के बाद बेहोशी की हालत में मिली थी। रेप करने के बाद दरिंदों ने पीड़िता को रॉड से पीटा फिर उसे उसके प्राइवेट पार्ट में डाल दिया। मौके पर पहुॅंची पुलिस ने खून से लथपथ महिला को अस्पताल पहुॅंचाया था।