पश्चिम बंगाल में एक मौलवी ने धमकी दी है कि अगर नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) रद्द नहीं किया गया तो वो कोलकाता हवाई अड्डे को ब्लॉक कर देगा। यह दावा करते हुए कि देश की मजहबी आबादी के लिए नागरिकता क़ानून अनुचित है, पश्चिम बंगाल के जँगीपारा, हुगली में फुरफुरा शरीफ़ के मौलवी अब्बास सिद्दीक़ी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आग्रह किया कि वे सुप्रीम कोर्ट को या तो विवादास्पद नागरिकता क़ानून को चुनौती दें या फिर राज्य विधानसभा में इस क़ानून के ख़िलाफ़ कोई सख़्त क़ानून लाएँ।
टाइम्स नाउ से बात करते हुए मौलवी ने बताया कि उसने ममता बनर्जी से इस क़ानून को रद्द करने के लिए तत्काल क़दम उठाने के लिए कहा है अन्यथा “उन्हें (ममता बनर्जी) पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों का समर्थन खोना पड़ जाएगा।” उसने कहा कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्ती के नेतृत्व में होने वाले विरोध-प्रदर्शन अन्य लोगों के लिए संतोषजनक हो सकते हैं, लेकिन वे समुदाय विशेष की आबादी को संतुष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
आपको बता दें कि 22 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (जेयूएच) के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा था कि अगर CAA को तुरंत वापस नहीं लिया गया तो वह अमित शाह को कोलकाता एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे। उन्होंने कहा था कि जब भी शाह कोलकाता के दौरे पर आएँगे, हम उन्हें रोकने के लिए एक लाख लोग एयरपोर्ट के बाहर इकट्ठा कर देंगे।
रैली में वक्ताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को CAA और NRC के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए धन्यवाद दिया था। चौधरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने पीटीआई को बताया था कि चौधरी ने पूर्व में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में ऐसी भड़काऊ टिप्पणियाँ कर चुके हैं।
देश में नागरिकता संशोधन क़ानून को लागू करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराज़गी से प्रेरित होकर, पश्चिम बंगाल में मजहब विशेष के कई लोगों ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन के बहाने अत्यधिक हिंसा, आगजनी, पथराव की घटनाओं को अंजाम दिया।
ममता बनर्जी, जो शायद अपने वोट बैंक को खोने से डरती हैं, हाल ही में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर कहा था कि वह अपने राज्य पश्चिम बंगाल में CAA और NRC को लागू नहीं होने देंगी। तृणमूल कॉन्ग्रेस पार्टी (TMC) द्वारा नागरिकता क़ानून को ख़त्म करने के लिए एक अभियान चलाया गया था, जबकि इस क़ानून का उद्देश्य तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
TMC द्वारा पोस्टर लगाए गए थे जिसमें दावा किया गया था कि CAA और NRC को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CAA और NRC के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कम से कम चार मौकों पर सड़क पर उतरीं।
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