जाँच में सामने आया है कि बंगाल का रहने वाला रफीक पहले लड़कियों को बहलाकर उनसे उनके सारी जानकारी लेता था फिर उनका शारीरिक और आर्थिक शोषण करता था। पड़ताल में पता चला कि युवतियों और महिलाओं को निशाना बनाने वाले रफीक की पहले से दो बीवियाँ हैं। वह अपने साथ हमेशा हड्डियाँ रखता था ताकि किसी को भी बेवकूफ बना सके।
गौरतलब है कि जहाँ इस रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि महिलाओं का शोषण करने वाले का नाम रफीक उर्फ अली खान है तो वहीं मीडिया इस मामले को रिपोर्ट करते हुए उसे ‘तांत्रिक’ बता रही है और तंत्र-मंत्र जैसे शब्दों का प्रयोग कर रही है। इसके अलावा हेडलाइन में भी उसने बंगाली बाबा लिखा हुआ है।
मालूम हो कि ये तांत्रिक, तंत्र-मंत्र, बाबा… ये सारे वो शब्द हैं जो हिंदू धर्म से संबंधित हैं। अन्य मजहब में ऐसे झाड़-फूँक काम करने वालों के लिए अलग शब्द होते है और इसलिए सालों से दक्षिणपंथी किसी मुस्लिम आलिम के अपराधी होने पर तांत्रिक शब्द के इस्तेमाल का विरोध करते रहे हैं। लेकिन बावजूद इन विरोधों के मीडिया बाज हीं आया।
अब भी जिन शब्दों का लेना-देना हिंदू धर्म से है उनका इस्तेमाल किसी दूसरे मजहब के लोगों के अपराध को बताने के लिए किया जाता है। ये पहली बार नहीं है जब मीडिया ने ऐसी हरकत की हो। बीते समय में तमाम ऐसे मामले आए हैं जिन्हें ऑपइंडिया ने समय-समय पर रिपोर्ट किया है।