उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में धारचूला कस्बे के स्थानीय व्यापारी संघ ने 86 बाहरी मुस्लिम दुकानदारों को शहर छोड़ने के लिए कहा है। व्यापारी संघ ने इन दुकानदारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। यह निर्णय फरवरी माह में एक मुस्लिम नाई इरफ़ान के दो स्थानीय नाबालिगों के अपहरण और बरेली भगा ले जाने के बाद लिया गया।
पिथौरागढ़ के एसपी लोकेश्वर सिंह ने एक बयान में बताया था कि धारचूला से दो नाबालिगों का अपहरण करने के मामले में इरफ़ान नाम के एक आदमी को गिरफ्तार किया गया था। इरफ़ान और उसके एक साथी ने धारचूला से इन दोनों लड़कियों बरेली लेकर गए और वहाँ इनको शादी का झाँसा दिया। यह घटना फरवरी की है। इरफ़ान और उसके साथी के खिलाफ POCSO और बलात्कार की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह जानकारी सामने आई है कि मोहम्मद इरफ़ान इन लड़कियों लुभावने वादे करता था। इरफ़ान धारचूला में बरेली से गया था और नाई की दुकान खोल रखी थी। पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि वह इन लड़कियों को बेंगलुरु ले जाना चाहता था। इन लड़कियों को 1 फरवरी, 2024 को अपह्रत किया गया था और 4 फरवरी, 2024 को इनको बरामद किया गया।
इसके बाद स्थानीय लोगों में इस घटना के प्रति उबाल आ गया और उन्होंने बाहरी दुकानदारों के सत्यापन की बात कही। इसके बाद व्यापार संघ ने निर्णय लेते हुए बाहर से आने वाले 91 दुकानदारों के पंजीयन रद्द कर दिए। इनमें से 86 मुस्लिम हैं। इस घटना के बाद लोगों से अपील की गई कि वह संदिग्ध लोगों को घर-दुकान किराए पर ना दें।
इस्लामी और वामपंथियों ने चालू किया रोना पीटना
जब इन स्थानीय व्यापारियों ने इस घटना के बाद बाहरी व्यापारियों को अल्टीमेटम दिया तो इस्लामी कट्टरपंथी और वामपंथियों ने सोशल मीडिया पर खूब हंगामा किया। सोशल मीडिया पर हेट डिटेक्टर नाम के अकाउंट ने इस मामले को लकर मुसलमानों को पीड़ित के रूप में दिखाया।
In #Uttarakhand's #Dharchula, local trader association cancelled registration of 91 shopkeepers almost all #Muslims and locals are being urged not to rent out their shop and house to 'outsiders'. Campaign to drive out "outsiders" is on in town after #Muslim man eloped with local… pic.twitter.com/gROVfSuRMQ
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) March 19, 2024
इस हैंडल ने लिखा, ” उत्तराखंड के धारचूला में, व्यापारी संघ ने 91 दुकानदारों का पंजीकरण रद्द कर दिया, लगभग सभी मुसलमानों और स्थानीय लोगों से कहा किया जा रहा है कि वह अपनी दुकान और घर को ‘बाहरी लोगों’ को किराए पर न दें। एक मुस्लिम के एक स्थानीय लड़की के साथ भाग जाने के बाद शहर में ‘बाहरी लोगों’ को यहाँ से निकालने का अभियान जारी है। इस हैंडल ने बच्चियों के अपहरण को दर्शाया कि वह इरफ़ान के साथ खुद ही गायब हो गईं।
एक और एक्स यूजर मुकर्रम हुसैन ने लिखा, ”एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। यह उसका एक उदाहरण है, उनका फैसला गलत है। इनको बाहर भेजने से कुछ हासिल तो नहीं होगा लेकिन इससे आपसदारी की भावना जरूर खत्म हो जाएगी।”
फेक न्यूज फैलाने वाले मोहम्मद आसिफ खान ने एक्स पर लिखा, “उत्तराखंड में मुस्लिम व्यापारियों को निशाने पर लिया जा रहा है।” उसने यह बात छुपा ली कि उन्होंने इस बात को आसानी से नजरअंदाज कर दिया कि मुसलमानों को यह इलाका छोड़ने के लिए क्यों कहा गया था।
एक और अकाउंट ने अपनी घृणा का प्रदर्शन करते हुए हिन्दुओं के बहिष्कार की बात की।
एक और अकाउंट ने दावा किया कि यह धर्म के आधार पर प्रताड़ना है। इसने कारण नहीं बताया कि क्यों मुस्लिमों को धारचूला से बाहर जाने को कहा गया है।
उत्तराखंड में सामने आ चुकी हैं कई घटनाएँ
ऐसा नहीं है कि धारचूला की घटना कोई पहला ऐसा मामला है। इससे पहले वर्ष 2023 में ही उत्तराखंड के पुरोला में ऐसा ही एक मामला सामने आया था। पुरोला में दो मुस्लिम युवकों ने एक युवती को भगा के ले जाने की कोशिश की थी। हालाँकि, इसके बाद स्थानीय लोग भड़क गए थे और बाहर के ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की गई थी।
धारचूला में ही साल 2019 में एक हिंदू युवती के साथ दुष्कर्म करके उसका वीडियो वायरल कर दिया गया था। उस दौरान स्थानीय लोगों ने इसके लिए एक मुस्लिम युवक को दोषी बताया था। हिंदू संगठनों ने इस मामले को लव जिहाद बताते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग करते हुए प्रदर्शन भी किया था।
इसी तरह, अभी कुछ दिन पहले ही हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र में नावेद मलिक नाम के एक युवक ने अमन बनकर एक हिंदू युवती को फँसाया। इसके बाद उसे अपने घर बुलाया और उसे नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद युवती पर वह धर्म परिवर्तन का दबाव डाल रहा था। इस घटना में पहले से ही शादीशुदा नावेद की बीवी भी शामिल रही।