बिहार के नालंदा जिले के बिहारशरीफ में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभा यात्रा पर पथराव किया गया था। उसके बाद हिंसा की घटनाएँ शुरू हो गईं। 2 पक्षों के बीच गोलियाँ भी चलीं। इसी दौरान 17 साल का एक नाबालिग गुलशन कुमार दंगाइयों की गोली का शिकार हो गया। गुलशन के भाई विकास कुमार ने द लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में जानकारी दी कि भाई की मौत के बाद पोस्टमार्टम के बहाने किस तरह बिहार पुलिस ने उसे भूखे-प्यासे देर रात तक गाड़ी में बैठाकर घुमाती रही।
मृतक के भाई विकास ने लल्लनटॉप के रिपोर्टर रणवीर सिंह से बातचीत में बताया कि दोनों भाई राशन और दवाई लेने निकले थे। दोनों जब घर की तरफ लौट रहे थे तो दरगाह के पास से फायरिंग हुई। दोनों भाई बदहवास हो कर भागने लगे। इसी बीच गुलशन को गोली लग गई और वह वहीं गिर गया। गोलियों की आवाज सुनकर आस पास के लोग घटनास्थल के पास पहुँचे। वहाँ उन्होंने गुलशन को उठाया और अस्पताल ले गए।
विकास के अनुसार, बिहार पुलिस ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। गुलशन के पोस्टमार्टम के बहाने बिहार पुलिस उसे देर रात तक भूखे-प्यासे घुमाती रही। आरोप है कि बिहारशरीफ ले जाने की जगह पुलिस दूसरे स्थानों के चक्कर लगाती रही। इस बीच जब विकास ने पुलिस वालों से पूछा कि उसे कहाँ ले जाया जा रहा है तो पुलिस वालों ने गाली गलौज की। कथित तौर पर पुलिस की करतूत को विकास ने अपने कैमरे पर कैद करने की कोशिश की तो उससे फोन छीन लिया गया।
विकास को अपने घर वालों से संपर्क नहीं करने दिया गया। देर रात पुलिस की टीम उन्हें पटना लेकर पहुँची। आरोप है कि तब तक विकास को भूखा और प्यासा रखा गया। विकास ने जब पीने के लिए पानी माँगी तो उसे गाली दी गई। मृतक के भाई ने कहा कि इस बीच उन्हें पेशाब करने भी नहीं दिया गया। उन्हें गाड़ी में बंद कर के रखा गया। यह पूरी बात चीत वीडियो में 5.00 मिनट से 10.00 मिनट के बीच सुनी जा सकती है।
परिजनों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इलाके की महिलाएँ भी सरकार और पुलिस के रवैये से खुश नहीं हैं। परिवार वालों की माँग है कि उनका एक सहारा नहीं रहा। ऐसे में घर चलाना मुश्किल होगा। बेटे को रोजगार दिया जाए। दूसरी तरफ बिहारशरीफ की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उनके घर के पुरुष गायब हैं।