Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजसैकड़ों शिकायतों के बाद भी बांग्लादेशियों के अवैध अतिक्रमण को नहीं हटा रही उद्धव...

सैकड़ों शिकायतों के बाद भी बांग्लादेशियों के अवैध अतिक्रमण को नहीं हटा रही उद्धव सरकार: नवी मुंबई में चार स्थानों पर है कब्जा

महीनों तक अवैध अतिक्रमण को हटाने के मुद्दे पर जिम्मेदार अधिकारियों को फोन करने, ईमेल लिखने और ट्विटर पर मुद्दा उठाने के बाद भी शिकायतकर्ता कृष्णा को कार्रवाई की झूठी उम्मीदें ही मिलती रहीं। कृष्णा ने यह दावा किया है कि कमिश्नर बांगर उनकी शिकायतों को अपने उपायुक्त अमरीश पतिनिगेरे को स्थानांतरित कर देते थे लेकिन....

नवी मुंबई के सानपाडा क्षेत्र में बांग्लादेशी प्रवासियों के अवैध कब्जे के विषय में सैकड़ों शिकायतें करने के बाद भी नवी मुंबई नगर पालिका द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बांग्लादेशियों के कब्जे के विषय में शिकायत करने वाले व्यक्ति ने नवी मुंबई नगर पालिका पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि सैकड़ों शिकायतों के बाद भी बांग्लादेशियों के अवैध अतिक्रमण पर उद्धव सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

ट्विटर यूजर कृष्णा ने सानपाडा में बांग्लादेशियों के अवैध कब्जे को लेकर पिछले वर्ष ही नवी मुंबई नगर पालिका में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में बांग्लादेशियों द्वारा बनाई गई अवैध झुग्गियों और कब्जे से संबंधित फोटो और विजुअल शेयर किए गए थे। कृष्णा ने नगर पालिका से उस अवैध कब्जे को हटाने की माँग की थी।

सानपाडा में कम से कम चार ऐसे स्थान हैं जहाँ बांग्लादेशियों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। ये स्थान हैं, 1. केसर सोलिटेयर, प्लॉट 88, 5, सेक्टर 19, 2. शिव दर्शन अपार्टमेंट, संत ज्ञानेश्वर रोड सेक्टर 16, 3. जयपुरियर स्कूल, 4. MSEDL सोनखार सबस्टेशन। इन स्थानों पर बांग्लादेशियों ने अवैध कब्जा कर रखा है।

शिकायतकर्ता के अनुसार नवी मुंबई नगर पालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर ने इस शिकायत को संज्ञान में लिया लेकिन जब भी शिकायत पर की गई कार्रवाई की स्थिति जानने का प्रयास किया गया तब शिकायतकर्ता को यही कहा गया कि कार्रवाई की जा रही है। हालाँकि नगर पालिका में शिकायत दर्ज कराने के महीनों के बाद भी बांग्लादेशियों का अवैध कब्जा बना हुआ है।

कृष्णा ने नवी मुंबई नगर पालिका के कमिश्नर अभिजीत बांगर से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया। उन्होंने कई ईमेल, लेटर और ट्विटर पोस्ट लिखे लेकिन अभिजीत से कोई संपर्क नहीं हो पाया। कृष्णा के अनुसार उन्होंने कमिश्नर बांगर के कार्यालय से भी संपर्क करने का प्रयास भी किया लेकिन यही जवाब मिला कि मामला उचित कार्रवाई के लिए आगे बढ़ा दिया गया है लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।

नवी मुंबई नगर पालिका द्वारा नहीं की गई कोई कार्रवाई : शिकायतकर्ता

ऑपइंडिया ने ट्विटर यूजर कृष्णा के एकाउंट पर नजर दौड़ाई तो नगर पालिका कमिश्नर, जिम्मेदार संस्था और अधिकारियों को लिखे गए उनके कई संदेश दिखाई दिए। शिकायतकर्ता कृष्णा लगातार ही बांग्लादेशियों के अवैध अतिक्रमण के विषय में ट्विटर पर लिखते रहे हैं और कार्रवाई की स्थिति के विषय में पूछते रहे हैं। लगभग 100 बार कार्रवाई की माँग करने के बाद भी यही उत्तर प्राप्त हुआ कि मामला संबंधित अधिकरणों को स्थानांतरित कर दिया गया है और उचित कार्रवाई की जा रही है। कार्रवाई की कोई भी उम्मीद न दिखाई देने के बाद शिकायतकर्ता ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को भी मामले से अवगत कराया लेकिन इसके बाद भी नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। 

बांग्लादेशियों के अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए शिकायतकर्ता द्वारा कमिश्नर अभिजीत बांगर को 100 से अधिक ईमेल लिखे जा चुके हैं।

शिकायतकर्ता का दावा है कि कमिश्नर बांगर के पीए विजय इस पूरे मामले से परिचित हैं और उन्होंने कई बार इस पर कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया किन्तु इसके बाद भी इन अवैध बांग्लादेशी अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। महीनों तक इस मामले को लटकाने के बाद नगर पालिका के अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया और शिकायतकर्ता को CIDCO के माध्यम से अतिक्रमण हटाने की सलाह दी क्योंकि बांग्लादेशी अतिक्रमणकारी CIDCO की जमीन पर कब्जा किए हुए हैं।

आखिरकार नवी मुंबई नगर पालिका के अधिकारियों ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया और शिकायतकर्ता को CIDCO से संपर्क करने की बात कही।

नगर पालिका द्वारा कब्जा हटाने के लिए CIDCO के साथ कार्य करने के बावजूद विजय शिकायतकर्ता से CIDCO के समक्ष ही शिकायत दर्ज कराने पर जोर देते रहे। इस पर शिकायतकर्ता ने विजय से लिखित में यही बात कहने का आग्रह किया लेकिन अभी तक नवी मुंबई नगर पालिका से कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

महीनों तक अवैध अतिक्रमण को हटाने के मुद्दे पर जिम्मेदार अधिकारियों को फोन करने, ईमेल लिखने और ट्विटर पर मुद्दा उठाने के बाद भी शिकायतकर्ता कृष्णा को कार्रवाई की झूठी उम्मीदें ही मिलती रहीं। कृष्णा ने यह दावा किया है कि कमिश्नर बांगर उनकी शिकायतों को अपने उपायुक्त अमरीश पतिनिगेरे को स्थानांतरित कर देते थे लेकिन उन्होंने कभी भी अतिक्रमण को हटाने की इच्छा जाहिर नहीं की।

यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि पतिनिगेरे 2010 में सिविक फंड में हुई धाँधली के आरोपित रहे हैं। नवी मुंबई नगर पालिका के कई अधिकारी जिनमें पतिनिगेरे भी थे, HB Bhise & Co. को 1.38 करोड़ रुपए के अतिरिक्त भुगतान के आरोपित रहे हैं। नवी मुंबई नगर पालिका ने HB Bhise & Co. को अवैध अतिक्रमणों को नष्ट करने का ठेका दिया था।  

हालाँकि, शिकायतकर्ता कृष्णा के ट्विटर पोस्ट्स को देखने के बाद एक पत्रकार ने कमिश्नर बांगर से मामले के संबंध में जानकारी लेने के लिए संपर्क किया। इस पर कमिश्नर बांगर ने साफ कह दिया कि अभी तक उन्हें इस मामले में लिखित शिकायत नहीं मिली है।

ऑपइंडिया ने भी शिकायतकर्ता के दावों के आधार पर कमिश्नर बांगर और उनके विभाग से संपर्क करने का प्रयास किया। हालाँकि कई प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। कमिश्नर बांगर के कार्यालय से लगातार यही जवाब मिल रहा है कि कमिश्नर मीटिंग में व्यस्त हैं। उनसे संपर्क हो जाने के बाद यह रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -