Sunday, November 17, 2024
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‘कभी हुआ करता था जाटों का गाँव, अब 80% मुस्लिम’: जहाँ हुई नितेश चौधरी की हत्या, बोले वहाँ के लोग – कॉन्ग्रेस ने बसाई थी मुस्लिम बस्ती, पूछने तक न आया कोई AAP नेता

रिश्ते में मृतक नितेश के भाई लगने वाले प्रशांत सिंह ने भी हमसे बात की। उन्होंने कहा कि कभी शादीपुर इलाके में जाट 80% हुआ करते थे और मुस्लिम मात्र 20%, लेकिन अब इसका ठीक उल्टा हो रहा है।

देश की राजधानी दिल्ली के बलजीत नगर में उफीजा ने अपने दोस्त अदनान और अब्बास के साथ मिलकर नितेश को सरेआम पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना के लगभग 1 सप्ताह बीत जाने के बाद हिन्दू संगठनों ने पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ 16 अक्टूबर, 2022 को प्रदर्शन किया। ऑपइंडिया की टीम ने अपनी पूर्व की 3 ग्राउंड रिपोर्टों में बताया कि कैसे मृतक के परिजनों ने आरोपितों को फाँसी की माँग की है।

वहीं स्थानीय वार्ड पार्षद ने इलाके हिन्दुओं को धर्मनिरपेक्ष बताते हुए इस घटना को सोच से परे बताया। जब ऑपइंडिया ने मृतक नितेश के पड़ोसियों से बातचीत की तब उन्होंने शादीपुर इलाके का इतिहास बताते हुए कहा कि कभी वो क्षेत्र जाटों का गाँव हुआ करता था, जहाँ अब मुस्लिमों का दबदबा हो चुका है।

कभी शादीपुर था जाटों का गाँव

ऑपइंडिया से बात करते हुए नितेश के पड़ोसी अनूप सिंह ने बताया कि आज़ादी से पहले और उसके बाद भी शादीपुर जाटों का गाँव हुआ करता था। उन्होंने कहा कि सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहाँ के लोगों ने अन्य जातियों को जमीनें दे कर बसाया। अनूप सिंह के मुताबिक, हिन्दू समाज की बाकी जातियों के लोग तब से अपनी अलग-अलग कालोनियों में शांति और सौहार्द से रह रहे हैं।

स्थानीय वार्ड पार्षद तेजराम ने भी अनूप सिंह की बातों से मिलता जुलता बयान दिया। पार्षद के मुताबिक, जाटों के गाँव शादीपुर का इतिहास 700 साल से भी पुराना सबूतों के साथ मिलता है। उन्होंने बताया कि पहले शादीपुर क्षेत्र की जमीन अंग्रेजों ने ली। बाद में यहाँ कॉन्ग्रेस सरकार में संजय गाँधी ने मुस्लिमों को बसाया। 30 साल पहले के शादीपुर का जिक्र करते हुए वार्ड पार्षद ने कहा कि गाँवों में भैंसे हुआ करती थीं और माताएँ बहनें यहीं पर खेतों से चारा ले कर आती थीं। हालाँकि, तेजराम के मुताबिक अब सब कुछ बदल चुका है।

शादीपुर में कॉन्ग्रेस ने बसाए मुस्लिम

अनूप सिंह ने हमें बताया कि 70 के दशक में कॉन्ग्रेस के संजय गाँधी ने इस क्षेत्र में मुस्लिमों को बसाया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के तुर्कमान गेट से विस्थापित मुस्लिमों को यहाँ बाकायदा 500 से अधिक घर बना कर दिए गए थे। अनूप सिंह के मुताबिक तब से मुस्लिमों ने न सिर्फ अपनी आबादी काफी बढ़ा ली है बल्कि कई जमीनों पर कब्ज़ा भी कर लिया है। अवैध कब्ज़ा हुई जमीनों को जाटों की पुश्तैनी और सरकार की बताई गई।

कभी यहाँ जाट थे 80% जो अब 20% होने वाले हैं

रिश्ते में मृतक नितेश के भाई लगने वाले प्रशांत सिंह ने भी हमसे बात की। उन्होंने कहा कि कभी शादीपुर इलाके में जाट 80% हुआ करते थे और मुस्लिम मात्र 20% लेकिन अब इसका ठीक उल्टा हो रहा है। प्रशांत के मुताबिक, अपने ही गाँव में जाट 20% होने की कगार पर आ चुका है और अगर यही हाल रहा तो आने वाले कुछ वर्षों में शादीपुर जाटों से विहीन हो जाएगा। पीड़ित के चचेरे भाई दीपक ने बताया कि उस इलाके में मुस्लिमों की प्रजनन दर भी हिन्दुओं से बहुत ज्यादा है। इसी के साथ पीड़ित परिजनों ने क्षेत्र में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भी अपराध में शामिल बताया।

योगी आदित्यनाथ से डर कर UP के अपराधी यहाँ ले रहे शरण

हमसे बात करते हुए अनूप सिंह ने कहा कि शादीपुर और रंजीत नगर में मुस्लिमों की आबादी उत्तर प्रदेश में अपराध कम होने के बाद बढ़ी है। उन्होंने कहा कि UP में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद वहाँ से डर कर कई अपराधी दिल्ली के इस इलाके में आ रहे हैं। अनूप ने दिल्ली प्रशासन पर अपराधियों को समर्थन देने का भी आरोप लगाया है।

मौत में दोतरफा नीति न बनाएँ अरविन्द केजरीवाल

स्थानीय AAP विधायक पर नितेश की हत्या को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए मृतक के चचेरे भाई ने कहा कि उन्हें तो मालूम ही नहीं था कि ऐसी घटना हुई है। घटना के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी भी सक्षम कार्यकर्ता के मोहल्ले में तक न आने का आरोप लगाते हुए पड़ोसी अनूप सिंह ने कहा कि केजरीवाल को दोतरफा नीति नहीं बनानी चाहिए क्योंकि वो पूरी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।

जातिवादियों ने हमें कमजोर कर दिया

इस पूरी बातचीत के दौरान वहाँ से गुजर रहे नितेश चौधरी के चचेरे भाई दीपक चौधरी ने ऑपइंडिया से कहा कि जातिवादियों ने हमारे समाज को बहुत कमजोर कर दिया। उन्होंने बताया कि वोटबैंक के लिए हिन्दू समाज को जिस प्रकार से तोड़ा जा रहा है, अगर वो न रुका तो आने वाला समय और कठिन होगा। दीपक ने हिन्दुओं से एकजुट रहने की अपील की।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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