Thursday, April 25, 2024
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‘मस्जिद वाले मोहल्ले से निकली भीड़ ने की हत्या’: नितेश चौधरी की माँ ने कहा – पुलिस भी उनसे डरती है, इसीलिए नकार रही कम्युनल एंगल

ऑपइंडिया ने नितेश चौधरी की माँ बबिता चौधरी से बात की। उन्होंने बताया कि नितेश के पिता पहले ही दुनिया से जा चुके थे, जिसके बाद नितेश जिम ट्रेनर का काम कर के घर का खर्च चला रहा था।

देश की राजधानी दिल्ली के शादीपुर इलाके में 12 अक्टूबर, 2022 को 2 पक्षों में विवाद हुआ था। इस विवाद में अदनान, अबदास और उफीजा पर नितेश चौधरी नाम के युवक को पीट-पीट कर मार डालने का आरोप लगा है। हत्या के विरोध में 16 अक्टूबर, 2022 को हिन्दू संगठनों ने मृतक के परिजनों के साथ पटेल नगर मुख्य सड़क पर जाम लगाया। हालाँकि, पुलिस ने घटना में सांप्रदायिक एंगल होने से इनकार किया है। ऑपइंडिया की टीम ने सोमवार (17 अक्टूबर, 2022) को नितेश के घर पहुँच कर जमीनी जानकारी जुटाने का प्रयास किया।

दोपहर में लगभग 2 बजे हम पटेल नगर पहुँचे। वहाँ सड़क पर तमाम दुकानदार सामान्य रूप से अपना काम कर रहे थे, लेकिन वो इस हत्याकांड से वाकिफ थे। सड़क के किनारे एक पान की दुकान चलाने वाले व्यक्ति ने हमसे गलियाँ संकरी होने की जानकारी देते हुए पैदल जाने की सलाह दी। हमने पटेल नगर मेट्रो के पास एक पार्किंग में अपने वाहन को खड़ा किया और पैदल ही निकल पड़े। रास्ते में हमने दुकानदार के कहने के मुताबिक गलियाँ वास्तव में संकरी ही मिलीं।

संकरी गलियों में लोगों के घर और किराने आदि की दुकानें खुली थीं, जो सामान्य रूप से अपना काम कर रहे थे। गली में एक जगह बोर्ड लगा दिखा जिसमें लिखा था, “कब-कब बँटा भारत”।

रंजीत नगर की संकरी गलियाँ और उसमें लगा बोर्ड

नितेश के घर पर पुलिस और पैरामिलिट्री तैनात

उन्हीं संकरी गलियों से हम आगे बढ़े और पटेल नगर मेट्रो स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर अंदर चलते हुए उस जगह पहुँच गए, जहाँ नितेश चौधरी का घर है। नितेश के घर के लगभग 50 मीटर पहले दिल्ली पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान तैनात दिखे। हालाँकि, किसी के भी आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं दिखी। घर के बाहर कुछ हिन्दू संगठन और मीडिया के लोग जमा थे। घर के मुहाने पर हमें एक व्यक्ति खड़े मिले, जिन्होंने अपना परिचय मृतक नितेश के चाचा के तौर पर बताया।

नितेश के घर पर तैनात पैरामिलिट्री

घरों से झाँक रहे थे पड़ोसी

गेट पर हमें अंदर भीड़ बता कर कुछ देर रुकने के लिए कहा गया। हमने इंतज़ार किया और आसपास देखा तो माहौल सामान्य लगा। अन्य घरों से लोग ताक-झाँक करते दिखाई दिए। नितेश का घर एक सामान्य घर की तरह ही है। घर के आगे बिजली के कई तार एक-दूसरे में उलझे हुए लटके दिखाई दिए। अंदर से कुछ महिलाओं के बीच-बीच में रोने की आवाजें आ रहीं थी।

नितेश के घर पर जमा हिन्दू संगठन और मीडियाकर्मी

पिता की मौत के बाद नितेश ही था सहारा

ऑपइंडिया ने नितेश चौधरी की माँ बबिता चौधरी से बात की। उन्होंने बताया कि नितेश के पिता पहले ही दुनिया से जा चुके थे, जिसके बाद नितेश जिम ट्रेनर का काम कर के घर का खर्च चला रहा था। उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता में आर्थिक नहीं बल्कि न्यायिक सहयोग है और वो अपने बेटे के कातिलों को फाँसी पर जल्द से जल्द लटकता देखना चाहती हैं। इस दौरान नितेश की माँ ने अपने परिवार को संयुक्त बताया और दुःख की घड़ी में सबके एकजुट होने की बात कही।

यहाँ के हिन्दुओं ने मुस्लिमों को किराए पर दिए हैं अपने घर

अपने मोहल्ले का जिक्र करते हुए नितेश की माँ ने उसे जाट बहुल बताया और कहा कि कई हिन्दुओं ने अपने घर मुस्लिमों को किराए पर दिए हैं। अपनी बात बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे परिवार में कभी किसी मुस्लिम को किराए पर नहीं रखा गया। हमें बताया गया कि हमारे जाटों के इलाके में कई मुस्लिम हैं लेकिन मुस्लिमों के इलाके में एक भी जाट नहीं। बबिता चौधरी के मुताबिक, उनके घर में सभी सदस्य न सिर्फ धार्मिक सोच के हैं बल्कि विभिन्न हिन्दू संगठनों से भी जुड़े हुए हैं।

नितेश चौधरी की माँ

इलाके के मुस्लिमों से पुलिस भी डरती है: नितेश की माँ

नितेश की माँ ने हमें बताया कि जहाँ पर उनके बेटे की हत्या हुई थी, वहाँ से मुस्लिमों का इलाका शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि वहाँ पर एक मस्जिद है, और मस्जिद वाले मोहल्ले से निकली 2 दर्जन लोगों की भीड़ ने नितेश की हत्या की। पुलिस पर सही और संतोषजनक कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि पुलिस भी रंजीत नगर के मुस्लिमों से डरती है, इसीलिए वो कभी कम्युनल एंगल नकार रही तो कभी उनके ही बेटे को क्रिमिनल बता रही।

नितेश की माँ ने हमें आगे बताया कि जिस स्थान पर नितेश को भीड़ ने मार डाला, वहाँ पर एक पूरा मोहल्ला मुस्लिमों का है। उनके मुताबिक, उस क्षेत्र में बहन-बेटियों के साथ मुस्लिम खुलेआम छेड़छाड़ करते हैं जिस से उधर लड़कियाँ जाने से कतराती हैं। उन्होंने हमें आगे बताया कि शाम होते ही इस तरफ हिन्दू अपनी दुकानें समय से बंद कर देते हैं, लेकिन मुस्लिम बहुल क्षेत्र में पूरी रात दुकानें खुली रहती हैं जहाँ खास-तौर पर माँस और मछली बिकती है। हमें आगे बताया गया कि रात होने पर उसी इलाके से बाइकों से कई लोग बाहर निकल कर गलत काम करते हैं, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता।

हमसे आगे बात करते हुए नितेश की माँ रोने लगीं और घर की अन्य महिलाओं ने उन्हें संभाला।

नितेश चैधरी हत्याकांड: क्या कहना है दिल्ली पुलिस का

हालाँकि, नितेश चौधरी हत्याकांड के मामले में दिल्ली पुलिस का कुछ और ही कहना है। सेन्ट्रल दिल्ली की डीसीपी श्वेता चौहान ने कहा कि जिनको इन्होंने मारा है, वो खुद ही अपराधी प्रवृत्ति के थे। ‘ABP News’ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस की जाँच में सामने आया है कि नितेश और उसका दोस्त आलोक खुद ‘Aggressors (आक्रामक)’ हैं और उन पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनका कहना है कि यहीं दोनों ने पहले आरोपितों को पीटने की कोशिश की, लेकिन खुद ज्यादा पिट गए।

पुलिस ने इसे ‘लड़कों के दो समूह का झगड़ा’ करार दिया है। चौहान ने कहा कि दोनों लड़कों ने सामने से आने वाली बाइक को रोका, उस पर सवार लोगों को गिरा दिया और पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की वर्जन की मानें तो इसके बाद दूसरे वाले समूह ने झगड़ा करते-करते उन्हें पीट दिया। पुलिस का कहना है कि उन्होंने बताया कि कोई चश्मदीद न मिलने और आलोक द्वारा बयान न दिए जाने के कारण धारा-308 के तहत 13 अक्टूबर को FIR दर्ज की गई थी।

पुलिस ने नितेश चौधरी की मौत के बाद कहा कि ज्यादा चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई, जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया और आरोपितों की तलाश शुरू की गई।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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