विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बाद अब नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मॉडल की जमकर तारीफ की है। आयोग ने यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया है। नीति आयोग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में दो महत्वपूर्ण ट्वीट किए गए हैं।
नीति आयोग ने एक ट्वीट में कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण का फैलाव रोकने के किए उन्हें होम आइसोलेट करने के लिए योगी सरकार द्वारा चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) के अभियान की सराहना की है तो दूसरे में यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की। नीति आयोग की टिप्पणी ने कोरोना को काबू में करने में योगी सरकार की रणनीति पर एक तरह से मुहर भी लगा दी है।
नीति आयोग ने की योगी सराकर की तारीफ
House to house visits undertaken in a mammoth drive in over 90,000 villages of UP to identify & isolate COVID+ve citizens & trace contacts should serve as a model for other states to replicate. Such proactive test-trace-treat model is a highly effective way of tackling the surge!
— NITI Aayog (@NITIAayog) May 13, 2021
डब्यूएचओ द्वारा कोविड मैनेजमेंट के लिए योगी सरकार की तारीफ के बाद गुरुवार (मई 13, 2021) देर शाम नीति आयोग के ट्विटर हैंडल से भी कोविड के खिलाफ लड़ाई में यूपी सरकार के प्रयासों की सराहना की गई।
आयोग ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के 90 हजार से अधिक गाँवों में घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित का पता लगाने और उन्हें आइसोलेट करने के अभियान को अन्य राज्य भी दोहरा सकते हैं। इस ट्वीट में यह भी बताया गया है कि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का यह यूपी मॉडल कोरोना को काबू करने में बेहद प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है।
ऑक्सीजन आपूर्ति पर योगी सरकार की सराहना
A laudable model for oxygen transport & tracking! @UPGovt has established oxygen hubs & developed a dashboard -OxyTracker, through which tankers can be tracked in real-time. This allows quick & smart allocation of oxygen.
— NITI Aayog (@NITIAayog) May 13, 2021
Result-1000MT O2 being lifted instead of 250MT before! pic.twitter.com/FXseTMSU59
अपने एक अन्य ट्वीट में नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी सराहा। इस संबंध में आयोग ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार का ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम बेहद प्रशंसनीय है।
यूपी ने ऑक्सीजन ट्रैकिंग के लिए एक ऐसा डैशबोर्ड तैयार किया है जिसके जरिए ऑक्सीजन टैंकरों की रियल टाइम लोकेशन का पता लगा सकते हैं। इससे तत्परता से और बेहतर ऑक्सीजन आवंटन संभव हुआ है। नतीजे के रूप में यह आँकड़े हैं कि पहले जहाँ 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता हो पा रही थी, अब वह 1000 मीट्रिक टन होने लगी है।
यूपी में ‘ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट’ अभियान का असर
वास्तव में कोरोना का फैलाव रोकने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से थमने लगी है। पिछले 12 दिन में एक्टिव केस की संख्या में एक लाख से अधिक की कमी हुई है। इसके साथ ही संक्रमितों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन को लेकर शुरुआती दिक्कत भी अब समाप्त हो गई है। सीएम योगी की पहल पर शुरू ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम से पिछले कई दिनों से यूपी में पूरे देश मे सर्वाधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।
केंद्र सरकार ने लागू किया यूपी मॉडल
वहीं, ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से लागू किए गए मॉडल को केंद्र सरकार ने भी अपनाया है। इस बारे में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अनिवार्य रूप से ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों में वीहकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के आदेश दिए हैं। इन टैंकर्स की जीपीएस के माध्यम से उचित निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि कोई डायवर्जन या विलंब तो नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों भारत में कोरोना संक्रमण के फैलते प्रकोप के बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने योगी सरकार के डोर-टू-डोर कैम्पेन की तारीफ की थी। WHO ने अपने एक लेख में बताया था कि कैसे योगी सरकार ने महामारी के समय में आवश्यक कदम उठाते हुए उन्हें जमीनी स्तर पर लागू किया।
लेख में कहा गया कि योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में COVID-19 के मद्देनजर हाउस टू हाउस एक्टिव केस फाइंडिंग शुरू की है। इस प्रक्रिया में उन्हें आइसोलेट किया गया जिनमें कोविड के लक्षण थे। WHO ने कहा कि योगी सरकार ने 1,41,610 टीमों को इस काम में लगाया है। इन टीमों में राज्य स्वास्थ्य विभाग से 21,242 सुपरवाइजर हैं, जिनका काम ये सुनिश्चित करना है कि अभियान में कोई ग्रामीण इलाका न छूटे।