Friday, April 19, 2024
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निर्भया केस: राष्ट्रपति को नहीं भेजी दोषियों ने दया याचिका, जल्द जारी हो सकता है डेथ वारंट

"जेल में बंद चारों ही मुजरिमों ने खुद की सजा कम करने के लिए किसी भी कानूनी लाभ लेने संबंधी कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में जेल की जिम्मेदारी बनती थी कि उन्हें दो टूक आगाह कर दिया जाए।"

दिल्ली के निर्भया गैंग रेप मामले में जेल अधीक्षक द्वारा फाँसी का नोटिस दिए जाने के बाद दोषियों ने राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका भेजने से इंकार कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी गुहार नहीं लगाई है, जिस कारण निचली अदालत द्वारा उन्हें फाँसी देने की प्रक्रिया जल्द शुरू होने के आसार हैं।

बता दें इस मामले के चारों आरोपित तिहाड़ जेल और मंडोली जेल में बंद हैं। इनको ट्रायल कोर्ट से मिली सजा-ए-मौत पर हाईकोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट भी मुहर लगा जा चुके हैं। जिसके बाद जेल अधीक्षक ने अपनी ओर से इन्हें फाँसी का नोटिस 29 अक्टूबर को दे दिया था। इस नोटिस के ज़रिए इन्हें बताया गया था कि फाँसी की सज़ा के खिलाफ राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए उनके पास सात दिन का वक़्त है।

लेकिन, अब ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक दोषियों का राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का समय पूरा हो गया है। जिसके बाद मीडिया अपने सूत्रों का हवाला देकर बता रही हैं कि अब जेल प्रशासन निचली अदालत को अर्जी भेजकर दोषियों को फाँसी देने की तैयारी शुरू कर देगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने इस मामले पर बयान देते हुए बताया ,
“जेल में बंद चारों ही मुजरिमों ने खुद की सजा कम करने के लिए किसी भी कानूनी लाभ लेने संबंधी कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे में जेल की जिम्मेदारी बनती थी कि उन्हें दो टूक आगाह कर दिया जाए।”

उल्लेखनीय है कि चारों मुजरिमों द्वारा किसी तरह की याचिका दायर न करवाने के बाद अब तिहाड़
जेल प्रशासन इस तथ्य को ट्रायल कोर्ट के समक्ष रखेगा। उसके बाद ट्रायल कोर्ट कानूनन कभी भी मुजरिमों का डेथ-वारंट जारी कर सकता है। कानून के जानकारों के अनुसार डेथ-वारंट जारी होने का मतलब मुजरिमों का फाँसी के फंदे पर लटकना तय है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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