दिल्ली की हाईकोर्ट ने देशद्रोही भाषण देने और दंगा भड़काने के आरोपित शरजील इमाम को बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम की याचिका को खारिज करते हुए उसे जमानत देने से मना कर दिया। साथ ही निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा जिसे उसने अपनी याचिका में चुनौती दी थी।
दरअसल, ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को शरजील इमाम के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज मामले में जाँच पूरी करने के लिए तीन महीनों का और समय दे दिया था। इसके बाद इमाम ने इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज किया था। अपनी याचिका में इमाम ने दावा किया था कि जाँच एजेंसी कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन कर रही हैं और उससे उसकी जमानत का अधिकार छीन रही है।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राव ने अपने आदेश में कहा, “मुझे लगता है कि जाँच के विस्तार को मंजूरी देते समय अदालत ने एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के आवेदन और रिपोर्ट से उन कारणों व आधारों के बारे में खुद को संतुष्ट किया है जिनके आधार पर जाँच करने के लिए और समय माँगा गया था। यह अदालत को सही लगता है और जाँच बढ़ाने के लिए उचित आधार है।”
Delhi High Court dismisses the petition filed by Sharjeel Imam (who was arrested for giving seditious speech & abetting riots in Jamia in Dec 2019) challenging trial court’s order of giving more time to the investigation agency to probe him under UAPA without issuing a notice. pic.twitter.com/6uXicQfIPG
— ANI (@ANI) July 10, 2020
वहीं, वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने शरजील इमाम की ओर से दलील देते हुए कोर्ट में कहा कि यहाँ ट्रायल कोर्ट के आदेश को अलग रखा जाना चाहिए क्योंकि अभियुक्त / आवेदक को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 43 D के तहत आवेदन का नोटिस नहीं दिया गया था।
वकील ने कहा कि CRPC की धारा 167 (2) (बी) के अनुसार आरोपित को बाद में रिमांड के लिए अदालत में पेश नहीं किया गया है, जबकि हर 15 दिन बाद ऐसा करना जरूरी है। रेबेका ने इमाम के बचाव में कहा कि पुलिस द्वारा दिया गया आवेदन ‘असल कारणों’ से रहित है, जिसमें 90 दिनों से अधिक समय तक विस्तार करने पर सफाई देने की आवश्यकता है।
इस दौरान एडिशनल सॉलिस्टर जनरल अमन लेखी ने दिल्ली पुलिस की ओर से बताया कि इस मामले में जाँच कोरोना महामारी के कारण बहुत प्रभावित हुई है। जाँच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नहीं हो सकती। बरामदगी, पड़ताल, छानबीन लगभग जाँच से जुड़ी हर चीज इस महामारी से प्रभावित हुई है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस को शरजील के ख़िलाफ़ जाँच के लिए तीन महीने का वक्त और मिल गया है। शरजील पर आईपीसी की धारा 153A, 124A और 505 के तहत मामला दर्ज हुआ है। उसे इस साल की 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उसे जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एक देशद्रोही भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।