प्रदेश के दुर्दांत अपराधियों के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों पर यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। अपनी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि अतीक अहमद और उसके भाई अशराफ की हत्या में पुलिस की कोई गलती नहीं है। सरकार ने कहा की उसके दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद हुए लगभग 183 एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए न्यायालय से इसकी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जाँच की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इन मुठभेड़ों में से एक विकास दुबे की एनकाउंटर पर भी सवाल उठाया गया था।
इस याचिका को वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की थी। तिवारी ने याचिका में विभिन्न आयोगों की सिफारिशों के अनुपालन की भी बात कही थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब माँगा था। बताते चलें कि 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में अतीक और उसके भाई अशराफ को अस्पताल ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में दिए जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि अतीक और उसके भाई की हत्या के मामले में तीन आरोपितों को पहले ही पकड़ा जा चुका है और उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल किया जा चुका है। सरकार ने कहा कि जाँच का विवरण देते हुए कहा कि मामला निचली अदालत में लंबित है और कुछ बिंदुओं पर जाँच अभी जारी है।
सरकार ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जिन सात घटनाओं का जिक्र किया है, उनमें से प्रत्येक की अदालत द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के तहत राज्य सरकार द्वारा जाँच की गई। इन मामलों में जाँच पूरी हो गई है और उनमें पुलिस की कोई गलती नहीं पाई गई है।
तिवारी की याचिका में बिकरू कांड के तहत गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की बात कही गई है। सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगता है कि याचिकाकर्ता बिकरू में हुए एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की मौत से चिंतित है। बता दें कि कानपुर के बिकरू गाँव में गैंगस्टर विकास दुबे ने साल 2020 में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने जिन 7 सात एनकाउंटर का जिक्र अपनी याचिका में की थी उनमें विकास दुबे, अतुुल दुबे, अमर दुबे, प्रवीण प्रेम प्रकाश पांडेय और प्रकाश मिश्रा का एनकाउंटर शामिल है। इसके अलावा, अतीक और उसके भाई अशराफ की हत्या का जिक्र था। इस मामले में तिवारी के अलावा, अतीक की बहन आयशा नूरी ने भी सवाल उठाते हुए याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता तिवारी ने न्यायमूर्ति बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ भी आपत्ति दर्ज कराई है। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत बीएस चौहान के नेतृत्व में गठित आयोग ने उसके एनकाउंटर की जाँच की थी।