Saturday, July 27, 2024
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‘ये तुम्हारी फूफी लगती है या बहन?’: गाय को बचाने पर इरफ़ान, इरशाद और दिलशाद सहित 6 ने युवक को पीटा, नूरपुर की घटना

टप्पल के थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ये आपसी विवाद का मामला है और पीड़ित की शिकायत के बाद FIR दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अब इलाके में पूरी तरह शांति है और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के टप्पल थाने के अंतर्गत स्थित नूरपुर गाँव से हिन्दुओं के पलायन का मामला कुछ ही दिनों पहले सामने आया था। अब वहाँ से एक आवारा गाय को पीटा जाने की खबर आई है। इतना ही नहीं, जब एक युवक ने गाय के साथ क्रूरता का विरोध किया तो उसे भी पीट-पीट कर घायल कर दिया गया। शनिवार (जुलाई 3, 2021) को हुई इस घटना के दौरान गाय और उक्त युवक घायल हो गए।

इस पूरी घटना के मामले में इरफान व इरशाद पुत्र बल्लू व दिलशाद पुत्र उन मुहम्मद के अलावा 3 अज्ञात FIR दर्ज करवाई गई है। रिंकू सिंह ने अपनी तहरीर में बताया है कि वो दोपहर को अपने ट्रैक्टर पर ईंट लाद कर टप्पल से लौट रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कुछ युवक एक छुट्टा गाय को परेशान कर रहे हैं। इस पर उन्होंने उन लड़कों को टोका और पास बैठे बुजुर्गों से उन्हें मना करने का निवेदन किया।

इस पर आरोपित भड़क गए और उन्होंने लाठी-डंडों और सरिये से रिंकू सिंह की पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि उनके हाथ और पसलियों में चोटें आई हैं। इस घटना के सामने आते ही ‘अखंड भारत हिंदू सेना’ के सह जिला संयोजक गणेश हिंदू, हिंदू वाहिनी मंच के जिलाध्यक्ष अजय शर्मा, युवा सोच आर्मी के फाउंडर रोहित गोस्वामी और सचिन पंडित ने प्रशासन से माँग की कि आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

स्थानीय पत्रकार केशव मलान के अनुसार, यह कहते हुए धारदार हथियार से रिंकू पर हमला किया कि ‘यह तुम्हारी फूफी लगती है या बहन’। पुलिस ने दो आरोपितों को हिरासत में भी ले लिया है। घटनास्थल पर रिंकू के परिवार वाले और पुलिस भी पहुँची। टप्पल के थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ये आपसी विवाद का मामला है और पीड़ित की शिकायत के बाद FIR दर्ज कर ली गई है।

नूरपुर में गाय को बचाने पर युवक की पिटाई

उन्होंने बताया कि अब इलाके में पूरी तरह शांति है और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है। नूरपुर हाल में ऐसे ही कई कारणों से चर्चा में आया है। कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि यहाँ पर कोरोना के नियमोंं को दरकिनार कर मदरसे में बच्चों को तालीम दी जा रही है। सैकड़ों छोटे बच्चों को उर्दू और अरबी की शिक्षा दी जा रही थी। गाँव में लगभग 800 मुस्लिम परिवार रहते हैं। हिन्दुओं के 125 परिवार हैं, जिनमें अधिकतर आबादी जाटव समाज (अनुसूचित जाति) की है।

पिछले दिनों नूरपुर गाँव में 150 हिंदू परिवारों के पलायन की खबर के बाद AIMIM ओवैसी की यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष सैयद नाजिम अली ने धमकी देते हुए कहा था कि नूरपुर में नमाज तो होगी, लेकिन हिंदुओं को वहाँ बारात नहीं निकालने दिया जाएगा। 26 मई 2021 को एक दलित घर में दो बेटियों की एक साथ बारात जा रही थी। आरोप है कि बारात लाते वक्त बीच में मस्जिद पड़ी। वहाँ मुस्लिम समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने बारातियों के साथ मारपीट शुरू कर दी थी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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