Saturday, September 21, 2024
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डॉक्टर की पर्ची दिखाकर लॉकडाउन में भी ले सकते हैं शराब, Online बिक्री पर भी विचार कर रही राज्य सरकार

सुनीश ने शराब न मिलने से परेशान होकर नदी में कूदकर जान दे दी तो वहीं नोफाल ‘आफ्टर शेव’ लोशन पी लिया, जिससे उसकी जान चली गई।

केरल में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री बंद होने से राज्य के विभिन्न हिस्सों से आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आबकारी विभाग को डॉक्टरों की पर्ची के बाद लोगों को शराब देने का निर्देश दिया है। बता दें कि शराब नहीं मिलने से परेशान होकर रविवार को केरल में दो लोगों की आत्महत्या का मामला सामने आया था।

केरल सरकार ने आबकारी विभाग को ऐसे लोगों को नशामुक्ति केंद्रों में नि:शुल्क उपचार देने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री पर भी विचार कर रही है क्योंकि अचानक शराब न मिलने से सामाजिक समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

देश में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या बढ़कर हजार के करीब पहुँच गई है। बढ़ते मामलों और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। भारत में कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र के बाद केरल में बरपाया है। केरल में अब तक कोरोना संक्रमण मामले बढ़कर 213 हो गई है, जबकि शनिवार को ही राज्य से कोरोना से पहली मौत का मामला सामने आया था। 

लॉकडाउन के चलते राज्य में शराब की दुकानें बंद है, जिससे एक अलग ही तरह की त्रासदी खड़ी हो गई है। शराब नहीं मिलने से परेशान होकर केरल में दो लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि 32 वर्षीय सुनीश ने शराब न मिलने से परेशान होकर नदी में कूदकर जान दे दी तो वहीं नोफाल ‘आफ्टर शेव’ लोशन पी लिया, जिससे उसकी जान चली गई। परिवार वालों का कहना है कि एक साल पहले विदेश से लौटने के बाद वह नियमित रूप से शराब का सेवन कर रहा था। पुलिस ने कहा कि उसे शराब ना मिल पाने के बाद उसने आफ्टर शेव लोशन पिया। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उसमे दम तोड़ दिया।

बता दें कि केरल में पहले भी कई मौकों पर शराब पर पाबंदी लगती रही है लेकिन यह पहली बार है जब देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई है। बताया जा रहा है कि केरल सरकार ने शराब को आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखते हुए लॉकडाउन के दौरान इसकी बिक्री जारी रखने को कहा था, लेकिन विपक्ष के दबाव में उन्हें यह फैसला वापस लेना पड़ा। इसके बाद राज्य में शराब की सारी दुकानें बंद कर दी गईं।

राज्य सरकार ने पहले सूचित किया था कि जिन लोगों में शराब का सेवन न करने के कारण बैचेनी होती हैं, वे जिलों में नशामुक्ति केंद्रों का उपयोग कर सकते हैं। केरल में राज्य द्वारा संचालित बेवरेजेस कॉरपोरेशन आउटलेट सहित शराब की दुकानों को लॉकडाउन के बाद बंद कर दिया गया। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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