Friday, April 26, 2024
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PM मोदी के बिहार दौरे से अलर्ट हुई पुलिस तो उजागर हुआ ‘मिशन 2047’: 15 दिन पहले से चल रही थी ट्रेनिंग, अब तक 26 पर FIR-5 गिरफ्तार

एएसपी मनीष के अनुसार, पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है। जो बताता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने का था। इन दस्तावेजों में लिखा था कि पीएफआई मानता है कि 10 फीसद मुस्लिम आबादी उनके साथ आ जाए तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें इस्लाम कबूल करवाएँगे।

बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों (Phulwari Sharif Terror Module) में शामिल में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा कुख्यात चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सदस्य अतहर परवेज है। इसके अलावा मरगूब दानिश, अरमान मलिक और शब्बीर आलम को गिरफ्तार किया गया है।

ये दोनो मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश कर रहे थे और उन्हें हथियार चलाना सिखा रहे थे। इनका मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम मुल्क बनाना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन्होंने 12 जुलाई 2022 को हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बिहार यात्रा के दौरान उनकी हत्या की साजिश रची थी।

पीएम मोदी के पटना दौरे से 15 दिन पहले से ही इन आतंकियों को फुलवारी शरीफ में ट्रेनिंग दी जा रही थी। पीएम मोदी को मारने की साजिश को लेकर उन्होंने 6 और 7 जुलाई को बैठकें कीं। हालाँकि, बिहार पुलिस का कहना है कि पीएम मोदी को सीधा खतरा नहीं था।

बता दें कि बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ कार्यालय में छापेमारी की है। इस दौरान पुलिस को आपत्तिजनक दस्तावेज मिले, जिनमें से एक का शीर्षक था – ‘2047 इंडिया टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया’। इसके अलावा, इनके पास से पीएफआई के पर्चे भी बरामद किए गए हैं।

फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार का कहना है, “हम रूटीन काम के दौरान ऐसे संस्थानों (पीएफआई) पर नजर रखते हैं। पीएम के आते ही हम अलर्ट पर थे। हमें इसकी जानकारी मिली और बारीकी से जाँच शुरू की। 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें से 3 को गिरफ्तार किया गया है। पीएम को लेकर कोई सीधी धमकी नहीं थी। आगे की जाँच जारी।”

पटना पुलिस को इंटेलिजेंस ब्यूरो से जानकारी मिली थी कि फुलवारी शरीफ इलाके में एक आतंकी मॉड्यूल सक्रिय है। इसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने 11 जुलाई को नया टोला इलाके में छापेमारी कर दोनों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया।

मनीष कुमार के अनुसार, “गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और अतहर परवेज के रूप में हुई है। उनके PFI के साथ संबंध हैं। जलाउद्दीन पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़ा था।”

उन्होंने आगे बताया, “वे स्थानीय लोगों को तलवार और चाकू का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे और उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के लिए भी उकसा रहे थे। एक जांच से पता चला है कि अन्य राज्यों के लोग पटना में उनके पास आ रहे थे। वे आगंतुक बिहार की राजधानी के होटलों में रहने के दौरान अपना नाम बदल लेते थे। अपनी पहचान छुपाएँ।”

एएसपी मनीष के अनुसार, पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है। जो बताता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने का था। इन दस्तावेजों में लिखा था कि पीएफआई मानता है कि 10 फीसद मुस्लिम आबादी उनके साथ आ जाए तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें इस्लाम कबूल करवाएँगे।

एएसपी मनीष के अनुसार, पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है। जो बताता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने का था। इन दस्तावेजों में लिखा था कि पीएफआई मानता है कि 10 फीसद मुस्लिम आबादी उनके साथ आ जाए तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें इस्लाम कबूल करवाएँगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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