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Sunday, April 13, 2025
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संस्कृत भाषा में एकमात्र समाचार पत्र चलाने वाले केवी संपत कुमार का निधन: PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने जताया शोक

भारत सरकार ने देश के एकमात्र दैनिक संस्कृत समाचार पत्र चलाने वाले दंपत्ति 'सुधर्मा' के संपादक व प्रकाशक केवी संपत कुमार और उनकी पत्नी जयलक्ष्मी को संयुक्त रूप से साल 2020 में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया था।

भारत में संस्कृत के एकमात्र दैनिक समाचार पत्र ‘सुधर्मा’ को चलाने वाले उसके संपादक केवी संपत कुमार का आज (जून 30, 2021) दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। तमाम कठिनाइयों के बावजूद संस्कृत में अखबार निकालने और उसे लोकप्रिय बनाने में योगदान देने के लिए संपत कुमार और उनकी पत्नी विदुषी के एस जयलक्ष्मी को साल 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

संपत रॉय के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को ट्वीट कर गहरी संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “केवी संपत कुमार जी एक प्रेरक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने विशेष रूप से युवाओं के बीच संस्कृत को संरक्षित और लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया। उनका जुनून और दृढ़ संकल्प प्रेरणादायक था। उनके निधन से दुखी हूँ। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम शांति।”

वहीं, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हिंदी और संस्कृत भाषा में ट्वीट कर केवी संपत के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ”केवी संपत कुमार जी का जीवन संस्कृत भाषा के संरक्षण व संवर्धन के प्रति समर्पित रहा। संस्कृत भाषा को आम बोलचाल का हिस्सा बनाने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका निधन संस्कृत व पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति है। प्रभु दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ॐ शांति।”

गौरतलब है कि ‘सुधर्मा’ संस्कृत का एकमात्र दैनिक समाचार पत्र है। यह कर्नाटक के मैसूर से प्रकाशित होता है। भारत सरकार ने देश के एकमात्र दैनिक संस्कृत समाचार पत्र चलाने वाले दंपत्ति ‘सुधर्मा’ के संपादक व प्रकाशक केवी संपत कुमार और उनकी पत्नी जयलक्ष्मी को संयुक्त रूप से साल 2020 में पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया था।

इस समाचार पत्र में वेद, योग, धार्मिक विषयों के आलेख प्रकाशित होते हैं। साथ ही राजनीति और सांस्कृतिक समाचारों के साथ ही अन्य जानकारियाँ भी प्रकाशित होती हैं। बताया जाता है कि संस्कृत के विद्वान पं. वरदराज आयंगर ने संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिए 15 जुलाई 1970 को सुधर्मा की शुरुआत की थी, जिसके बाद उनके पुत्र केवी संपत कुमार, पुत्रवधु जयलक्ष्मी ने इस कार्य को आगे बढ़ाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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