दिल्ली पुलिस जल्द ही जेएनयू हिंसा के बाद उपद्रवियों की वायरल तस्वीर में सामने आए तीन आरोपितों की पहचान का खुलासा कर सकती है। क्राइम ब्रांच को तीनों नकाबपोशों से जुड़ी जानकारी मिली है। इन 3 आरोपितों में एक महिला और दो पुरुष हैं। तस्वीर में इनके मुँह पर कपड़ा और हाथ में लाठी साफ देखी जा सकती है। हिंसा वाले दिन इलाके में चालू फोन नंबर और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स के आधार पर इनकी पहचान की गई है। बताया जा रहा है कि सूचना मिलने के बाद अपनी जाँच में पुलिस ने इन तीनों छात्रों के नंबरों की लोकेशन हिंसा वाले दिन इलाके में चालू 800 नंबरों में शामिल पाई है।
बता दें कि पुलिस जेएनयू मामले में अपनी जाँच में उन अंदरूनी लोगों (मतलब ऐसे लोग, जिन्होंने कैंपस के अंदर की जानकारी बाहरी असामाजिक तत्वों तक पहुँचाई) के बारे में भी पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने उपद्रवियों को हॉस्टल में दिशा-निर्देश दिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस की पड़ताल में कई छात्रों और हॉस्टल स्टॉफ ने खुलासा किया है कि हमलावरों को पहले से पता था कि उन्हें किस पर हमला बोलना है। वे बिना दरवाजा खटखटाए कमरों में घुस रहे थे और बेरहमी से मारपीट कर रहे थे।
उपद्रवियों की फुटेज और मास्क के बावजूद नजर आ रहे आधे चेहरे को देखकर अंदाजा लगाया गया है कि सभी उत्पाती 30 की उम्र से नीचे के और कॉलेज छात्र थे। अब पुलिस इन छात्रों की पहचान पता करने के लिए कुछ अन्य सीसीटीवी फुटेज, तस्वीरें और मोबाइल फुटेज एकत्रित करने में जुटी है, ताकि मालूम पड़ सके कि इससे पहले यूनिवर्सिटी के बाहर वैसे कपड़े किन छात्रों को पहने देखा गया।
घटना वाले दिन सामने आई वीडियोज की प्रमाणिकता जाँच के लिए उन्हें फॉरेंसिक लैब भी भेजा जा रहा है। साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि यदि उनके पास हिंसा की कोई अन्य वी़डियो है तो वह उसे पुलिस के साथ साझा करें। यहाँ बता दें कि रविवार की शाम जेएनयू के पेरियार और साबरमती हॉस्टल्स में 100-150 लोगों ने तोड़फोड़ मचाई थी। जिन सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को हॉस्टल में घुसते देखा था उनसे इस संबंध में पड़ताल जारी हैं। पुलिस का कहना है कि हिंसा के दौरान वहाँ मौजूद सुरक्षाकर्मियों से घटनाक्रम के बारे में पूछा जाएगा और साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि हमलावर कहाँ से आए। इसके अतिरिक्त हिंसा के दौरान परिसर में घुसने वाले वाहनों पर भी पुलिस की जाँच जारी है।
जानकारी के मुताबिक, उपद्रवियों को हमला करने से रोकने वाले सुरक्षाकर्मियों के बयानों को पुलिस ने बतौर चश्मदीद रिकॉर्ड किया है। जिन्होंने बताया है कि पेरियार हॉस्टर और साबरमती टी प्वॉइंट में हमला करने से पहले कंट्रोल पैनेल से ही लाइटें बंद कर दी गईं थीं।
बता दें कि अपनी जाँच के लिए क्राइम ब्रांच ने पेरियार और साबरमती हॉस्टल्स के करीब छात्रों, वार्डन, समेत हॉस्टल स्टाफ के 150 लोगों से बात की है। साथ ही उपद्रवियों की तस्वीरें उन्हें दिखाकर उनसे उनकी शिनाख्त करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा रविवार की शाम पीसीआर को फोन करने वाले छात्रों को भी चश्मदीदों की सूची में रखा गया है।
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