राजस्थान के गुज्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी मंदिर (भीलवाड़ा) में पीएम मोदी से जुड़े के मामले को कॉन्ग्रेस के नेता विवादित बनाने की कोशिश कर रहे थे। इसकी सच्चाई की हवा पहले ही निकल चुकी है। इसके बावजूद प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पिछले सप्ताह दौसा की एक रैली में उन बातों को दोहराया था। अब मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि प्रियंका गाँधी जो कुछ भी बोल रही हैं, वो मनगढ़ंत बात है।
दरअसल, प्रियंका गाँधी ने दौसा की रैली में कहा था कि पीएम मोदी जब इस मंदिर में गए थे तो उन्होंने लिफाफे में सिर्फ 21 रुपए डालकर चढ़ाए थे। अब मुख्य पुजारी ने साफ कर दिया है कि प्रियंका गाँधी की बातों में कोई सच्चाई नहीं, वो सिर्फ मनगढ़ंत बात कर रही थीं। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और प्रियंका गाँधी वाड्रा को नोटिस जारी किया है।
मुख्य पुजारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताई सच्चाई
मालासेरी डूंगरी मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति और उन्होंने कभी ऐसा बयान नहीं दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दान-पात्र में कोई लिफाफा डाला था। न ही दान-पात्र खोलते समय ये बताया कि लिफाफा प्रधानमंत्री का है।
उन्होंने कहा कि 21 रुपए वाली बात पूरी तरह से अफवाह है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गाँधी ने दौसा और झुंझुनूं में काल्पनिक कहानी बनाकर लिफाफे का जिक्र किया था। मंदिर के पुजारी की पुष्टि के बाद साफ हो गया कि राजनीतिक फायदे के लिए प्रियंका गाँधी झूठ बोल रही थीं।
चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस
इस मामले में चुनाव आयोग ने राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए प्रियंका गाँधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने झूठे और असत्यापित आरोप लगाए हैं।
Election Commission of India issues show-cause notice to Congress leader Priyanka Gandhi Vadra for allegedly violating Model Code of Conduct guidelines during the election campaign in Rajasthan. BJP had submitted a complaint to the EC yesterday saying she made false, unverified… pic.twitter.com/zNaBXiODnN
— ANI (@ANI) October 26, 2023
बता दें कि दौसा में एक सप्ताह पहले प्रियंका गाँधी ने रैली में कहा था, “मैंने टीवी पर देखा, पता नहीं सच है कि नहीं, देवनारायण जी के मंदिर में कुछ समय पहले प्रधानमंत्री गए थे और एक लिफाफा डाल आए। 6 महीने बाद प्रधानमंत्री जी की ओर से दिया लिफाफा खोला गया। जनता सोच रही थी कि भगवान जाने क्या होगा इस लिफाफे में। देश के इतने बड़े नेता आए थे, वह लिफाफा डालकर गए थे।”
स्थानीय नेताओं ने फैलाई अफवाह
इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुजारी हेमराज ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी भादवीं छठ के अवसर पर दान-पात्र खोला गया था। जो समिति और सर्वसमाज के सामने खोला गया। इसमें कैश और लिफाफे मिले। इस दौरान उनकी और मंदिर समिति के लोगों से रंजिश रखने वाले आसींद-भीलवाडा के स्थानीय नेताओं ने अफवाह फैलाई।
पुजारी ने आगे कहा कि उन लोगों ने अफवाह फैलाई कि प्रधानमंत्री ने दान पेटी में लिफाफा डाला था, जिसमें 21 रुपए निकले थे। पोसवाल ने कहा कि मंदिर समिति या उन्होंने कभी ऐसा बयान दिया नहीं। उन्होंने कहा, “मैं साफ कर रहा हूँ कि प्रधानमंत्री मोदी ने न कोई लिफाफा दान-पात्र में डाला, न ही मैंने बताया कि यह प्रधानमंत्री का लिफाफा है।”
ऑपइंडिया ने बताई थी सच्चाई
इस मामले में ऑपइंडिया ने सच्चाई पहले ही सामने रख दी थी। ऑपइंडिया ने प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो डालते हुए बताया था कि पीएम मोदी ने दान पेटी में किसी लिफाफे की जगह मुड़े हुए नोट डाले थे। वीडियो को ध्यान से देखें तो उनके हाथ में कोई लिफाफा नहीं था।