Sunday, June 16, 2024
Homeदेश-समाज'ड्राइवर को फँसा रहा बिल्डर का परिवार, दबाव में दिया बयान': पुणे पुलिस का...

‘ड्राइवर को फँसा रहा बिल्डर का परिवार, दबाव में दिया बयान’: पुणे पुलिस का खुलासा, नाबालिग के पिता को पता था बेटा नशे में है फिर भी दे दी चाभी

पोर्श कार को ड्राइवर ही पार्किंग से बाहर ले आया था, लेकिन नाबालिग ने उसे चलाने की जिद की।

पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस में पुलिस ने कहा है कि अग्रवाल परिवार नाबालिग को बचाने के लिए परिवार के ड्राइवर को बलि का बकरा बना रहा है। पुणे के कमिश्नर अमितेश कुमार ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शुक्रवार (24 मई 2024) को ये बाते कहीं। उन्होंने कहा कि पोर्श एक्सीडेंट केस में ड्राइवर को फँसाया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में आरोपित किशोर पूरी तरह से होश में था, और उसे पता था कि वो क्या कर रहा है। इस केस में नाबालिग आरोपित 5 जून तक हिरासत में है, जिसे हादसे के कुछ ही देर में जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में जमानत कैंसिल कर दी गई। वहीं, नाबालिग का पिता विशाल अग्रवाल को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, तो दादा से भी कार के मालिकाना हक को लेकर पूछताछ की है।

पुणे के कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, “हमारे पास उसके पब में शराब पीने का सीसीटीवी फुटेज है। इस केस में अकेले ‘ब्लड रिपोर्ट’ के आधार पर ही जाँच आगे नहीं बढ़ रही, बल्कि अन्य बातों का भी ध्यान रखा जा रहा है। वह (आरोपित किशोर) पूरी तरह से होश में था। उसने इतनी भी नहीं पी थी कि उसे होश ही न रहे कि क्या हो रहा है। इस मामले में सेक्शन 304 के तहत मामला बनता है।” इस दौरान उन्होंने पुलिस स्टेशन में नाबालिग आरोपित को पिज्जा खिलाने जैसी रिपोर्ट्स को भी खारिज किया।

कमिश्नर ने कहा, “ड्राइवर पर दबाव डालने की कोशिश की गई। हम इस मामले की भी जाँच कर रहे हैं। ये भी सच है कि ड्राइवर ने शुरू में कहा था कि वह (ड्राइवर) ही गाड़ी चला रहा था। हम इस बात की जाँच कर रहे हैं कि उसने किसके दबाव में ये बयान दिया था।” उन्होंने कहा कि इस केस की जाँच एसीपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। हम छोटी से छोटी बात का भी ख्याल रख रहे हैं। पीड़ितों को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा दिलाने में पुलिस जुटी हुई है। हम इस केस में विशेष वकील की भी सेवाएँ लेंगे।

पुणे के डीसीपी (क्राइम) अमोल जेंडे ने कहा कि हमने किशोर के दादा का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि किशोर ने घर पर बताया था कि वो 12वीं कक्षा में पास होने को लेकर अपने दोस्तों के साथ पार्टी करना चाहता है। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे यानी किशोर के पिता विशाल अग्रवाल से फोन पर बात की और कार की चाबी के साथ ही क्रेडिट कार्ड भी पार्टी करने के लिए दिया था।

इस बीच, टाइम्स नाऊ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ‘नाबालिग के पिता को उसके बेटे के नशे में होने की बात पता थी, इसके बावजूद उसने ड्राइवर से नाबालिग को चाबी देने के लिए कहा।’ रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्श कार को ड्राइवर ही पार्किंग से बाहर ले आया था, लेकिन नाबालिग ने उसे चलाने की जिद की। उसने विशाल अग्रवाल को फोन किया, लेकिन विशाल अग्रवाल ने उसके नशे में होने की बात जानते हुए भी ड्राइवर को कहा कि वो उसे कार को चलाने दे। इसके बाद किशोर ने कल्याणी नगर इलाके में 200 की स्पीड से कार को भगाते हुए बाइक सवार 2 इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई। इस मामले में किशोर को 15 घंटों के अंदर 300 शब्दों का निबंध लिखने की शर्त पर बेल मिल गई थी, लेकिन दबाव और पुलिस के रिब्यू पिटिशन के बाद किशोर न्याय बोर्ड ने उसकी जमानत खारिज कर दी और 5 जून तक रिमांड होम में भेज दिया।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने डीसीपी के हवाले से ड्राइवर के बयान को छापा है, जिसमें उसने अपने बयान में कहा, ‘नाबालिग लड़का ही पोर्श को चलाकर बडगाँव शेरी स्थित बंगले से कोसी और फिर ब्लैक मैरिएट पब ले गया था। उस दौरान ड्राइवर और अन्य कर्मचारी दूसरी कार से उनके पीछे चल रहे थे। लेककिन ब्लैक मैरिएट में पार्टी के बाद ड्राइवर ही पोर्श चला रहा था।’

इस मामले में हादसे के समय कार में मौजूद रहे किशोर के दोस्त से भी पुलिस ने पूछताछ की। वहीं, एक अधिकारी ने बताया कि पोर्श कार अग्रवाल परिवार की रियलिटी फर्म के नाम पर है। ऐसे में नाबालिग के दादा से पूछताछ की गई, क्योंकि वो भी फर्म के मालिक हैं। उनसे कार के मालिकाना हक को लेकर पूछताछ हुई।

वायरल वीडियो को माँ ने बताया गलत, कहा-बेटे को बचा लो

इस बीच, एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें पुणे पोर्श कांड के आरोपित नाबालिग के होने की बात कही गई। ये वीडियो रैप सॉन्ग का है, जो पुणे हादसे पर बनाया गया है। इस वीडियो में एक सोशल मीडिया एन्फ्लूएंसर दिख रहा है, जिसे कथित तौर पर नालाबिग आरोपित का होना बताया जा रहा है। हालाँकि पुणे पुलिस पहले ही बता चुकी है कि वीडियो फर्जी है और इसका किशोर से कोई लेना देना नहीं। इस मामले में किशोर की माँ का बयान आया है, जिसमें उन्होंने अपने बेटे को बचाने के लिए कहा है।

आरोपित किशोर की माँ ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मेरा बेटा पुलिस की हिरासत में है, वो वीडियो में नहीं है। ये वीडियो फर्जी है। कृपया मेरे बेटे को बचा लिया जाए।’ इसके बाद माँ मीडिया के सामने ही रोने लगी। आरोपित किशोर की माँ ने पुलिस ने अपने बेटे को बचाने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को फँसाया जा रहा है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऋषिकेश AIIMS में भर्ती अपनी माँ से मिलने पहुँचे CM योगी आदित्यनाथ, रुद्रप्रयाग हादसे के पीड़ितों को भी नहीं भूले

उत्तराखंड के ऋषिकेश से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमकेश्वर प्रखंड का पंचूर गाँव में ही योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -