Tuesday, October 8, 2024
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‘जितने पैसे चाहिए उतने दूँगा, मारो मत’: पुणे पोर्श कार केस में बेटा सड़क पर दिखा रहा था पैसे की हेकड़ी, बाप डॉक्टरों को रिश्वत खिलाने में जुटा था

चश्मदीद के अनुसार, लड़का उस समय इतने नशे में था कि उसपर कोई असर भी नहीं हो रहा था। उसने पोर्श की गाड़ी से इतनी स्पीड में पीड़ितों को टक्कर मारी थी कि उनमें से एक 15 फीट तक ऊपर उठकर नीचे गिरा था।

पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में नया खुलासा हुआ है। एक चश्मदीद ने बताया है दो इंजीनियरों को रौंदने के बाद जब भीड़ ने आरोपित लड़के को पकड़कर मारना शुरू किया था तो वो लोगों से कह रहा था- “जितने माँगोगे उतने पैसे अभी मँगाकर दूँगा, मुझे मारो मत।”

चश्मदीद के अनुसार, लड़का उस समय इतने नशे में था कि उसपर कोई असर भी नहीं हो रहा था। उसने पोर्श की गाड़ी से इतनी स्पीड में पीड़ितों को टक्कर मारी थी कि उनमें से एक 15 फीट तक ऊपर उठकर नीचे गिरा था। चश्मदीद ने बताया, शायद लड़के को पता भी नहीं चलता कि उसने क्या किया, मगर भीड़ उसे पकड़कर लेकर गई और उसे दिखाया। इसके बाद उसे स्टेशन ले जाया गया।

बता दें कि एक तरफ लड़का सड़क पर पैसे की हेकड़ी दिखा रहा था और दूसरी तरफ आरोपित लड़के के पिता विशाल अग्रवाल इस मामले को पैसे की लेन-देन से सुलझाने में लगे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार फॉरेंसिंक मेडिसीन डिपार्टमेंट के हेड डॉ अजय तावड़े को करीबन 14 कॉल किया था ताकि उनके बेटे के ब्लड सैंपल को बदलवा सकें।

इस संबंध में 27 मई को पुणे क्राइम ब्रांच ने दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। दोनों डॉक्टर सैसन अस्पताल के थे। इनके ऊपर ब्लड सैंपल्स से छेड़छाड़ करने का आरोप था। एक डॉक्टर अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन अस्पताल के हेड डॉ अजय तावड़े ही हैं जबकि दूसरे चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ श्रीहरि हाल्नर हैं। इसके अलावा अस्पताल के चपरासी भी गिरफ्तार हुआ है। ये सारे लोग 30 मई तक पुलिस हिरासत में रहेंगे।

बताया जा रहा है कि इस मामले में एक अस्पताल के अटेंडेट द्वारा दोनों वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत ली गई थी ताकि लड़के के ब्लड सैंपल को ऐसे ब्लड से बदला जाए जिसमें शराब के मिले होने का पता न चल।

इस मामले में गिरफ्तारी के बाद जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन हुआ है। मामले में आरोपित के पिता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में यरवदा की सेंट्रल जेल में रखा गया है। वहीं मामले में 25 मई की सुबह पुणे क्राइम ब्रांच मामले में नाबालिग आरोपित का दादा भी गिरफ्तार हुआ था। उसके अंडरवर्ल्ड से संबंध सामने आए थे। साथ ही उस पर ड्राइवर को धमकाने के आरोप भी लगे थे। पुलिस ने इस मामले की जाँच के लिए पोर्श कार को ढककर रखा हुआ है ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न की जा सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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