Thursday, April 17, 2025
Homeदेश-समाजसंगरूर जेल में भिड़े कैदियों के 2 गुट: 10 ने धारदार हथियारों के साथ...

संगरूर जेल में भिड़े कैदियों के 2 गुट: 10 ने धारदार हथियारों के साथ 4 कैदियों पर बोला धावा, 2 की चली गई जान, तीन की हालत गंभीर

संगरूर जेल में कैदियों के कई गुट हैं। इन्हीं में से दो गुट आपस में भिड़ गए। हमलावर गैंग का मुखिया सिमरनजीत जुझार है। वो अमृतसर का रहने वाला है। उस पर हत्या सहित 18 मुकदमे दर्ज हैं।

पंजाब की संगरूर जेल में कैदियों के दो गुटों खूनी झड़प हो गई, जिसमें दो कैदियों की मौत हो गई। ये घटना शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) की रात करीब 8.30 बजे की है। उस समय सभी कैदी सोने के लिए अपनी बैरकों में जा रहे थे, तभी करीब 10 की संख्या में कैदियों के गुट ने 4 कैदियों के गुट पर हमला बोल दिया। उनके हाथों में धारदार चीजें थी। इस हमले के दौरान चीख-पुकार सुनकर जेल प्रशासन ने उन्हें बचाने की कोशिश की, और घायलों को लेकर पटियाला के अस्पताल ले गए, जहाँ 2 कैदियों को मृत घोषित कर दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगरूर जेल में कैदियों के कई गुट हैं। इन्हीं में से दो गुट आपस में भिड़ गए। हमलावर गैंग का मुखिया सिमरनजीत जुझार है। वो अमृतसर का रहने वाला है। उस पर हत्या सहित 18 मुकदमे दर्ज हैं। जुझार करीब 6 साल से जेल में बंद है। उसके गुट ने मोहम्मद शाहबाज और उसके गुट के कैदियों पर हमला कर दिया। इस हमले में हर्ष और धर्मेंद्र नाम के कैदियों की मौत हो गई, तो गगनदीप सिंह, मोहम्मद हारिश और सिमरन घायल हो गए। घायल कैदियों को पटियाला के राजेंद्र मेडिकल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

डॉ. कर्मदीप सिंह काहल ने बताया कि शाम साढ़े सात बजे जेल से चार लोगों को अस्पताल लाया गया था, जिनमें दो की पहले ही मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि सभी के शरीर पर तेजधार व नुकीली चीज से मारे जाने के कई निशान थे। झगड़ा का कारण पता नहीं चल पाया है। पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक जेल में ये झड़प किसी गैंग के आदेश पर हर्ष और धर्मेंद्र को जान से मारने के मकसद से ही हुई।

बताया जा रहा है कि जेल में करीब रात 8.30 बजे सिमरनजीत सिंह जुझार ने 8-10 कैदियों के साथ हमला कर दिया। जिन दो कैदियों की मौत हुई है, उनकी गर्दन, मुँह, छाती और शरीर के अन्य हिस्सों में मेडिकल जाँच के दौरान घाव के निशान पाए गए हैं। इस हिंसक झड़प के बाद संगरूर जेल प्रबंधन ने दोनों गुटों के कैदियों को अलग-अलग बैरकों डाल दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अब चलती ट्रेन में मिलेगी ATM सुविधा, मुंबई से नासिक के बीच चलने वाली पंचवटी एक्सप्रेस में पायलट प्रोजेक्ट शुरू: नकदी के लिए यात्रियों...

मुंबई और मनमाड के बीच चलने वाली पंचवटी एक्सप्रेस में देश का पहला चलता-फिरता एटीएम लगाया गया है। यह पहल सेंट्रल रेलवे के भुसावल डिवीजन और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सहयोग से शुरू हुई है।

‘जिस तरह गुंडे औरतों पर हाथ रखते हैं, ये (मुस्लिम) जमीन पर रख देते हैं’: क्या है ‘वक्फ बाय यूजर’ जिसे MP ने बताया...

वक्फ बाय यूजर ऐसी संपत्तियाँ हैं, जिनका उपयोग मुस्लिम समुदाय अपने मजहबी उद्देश्यों के लिए करता रहा है। यह किसी की भी हो सकती है।
- विज्ञापन -