Tuesday, November 5, 2024
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सद्भावना रैली में अजमेर दरगाह का ‘भड़काऊ’ सरवर चिश्ती भी दिखा: कहा था- मुस्लिम बर्दाश्त नहीं करेंगे, पूरा भारत हिल जाएगा

सरवर चिश्ती ने नूपुर शर्मा मामले में पूरे देश को हिलाने की धमकी दी थी। दरगाह के आसपास के हिंदू दुकानदारों को भी चेताया था।

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद मंगलवार (12 जुलाई 2022) को अजमेर में एक सद्भावना रैली निकाली गई। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के प्रति शांति और सद्भावना का संदेश देना था। लेकिन रैली से कुछ ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आई हैं, जो इसके मकसद पर सवाल उठाती है। दरअसल इस रैली में अजमेर की दरगाह शरीफ मैनेजमेंट कमिटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती को भी देखा गया।

सरवर चिश्ती, वही शख्स है जिसने कुछ दिनों पहले नूपुर शर्मा को लेकर भड़काऊ बातें की थी। उसने नुपूर शर्मा को समर्थन पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि मु​स्लिम इसे बर्दश्त नहीं करेंगे। उसने कहा था, “इस वक्त मुल्क में जो हालात हैं। नामूस ए रसूल सललल्लाहु अलेही वसल्लम की शान में गुस्ताखी हो रही है। ये हम कभी कबूल नहीं करेंगे। ऐसा आंदोलन करेंगे कि पूरा भारत हिल जाएगा।”

सरवर चिश्ती ने जिस अंदाज में यह ऐलान किया था, वह उसके इरादों को साफ तौर पर जाहिर कर रहा था। ऐसे में भड़काऊ भाषण देने वाले सरवर चिश्ती का सद्भावना रैली में शामिल होना सवाल खड़ा करता है।

इसके अलावा चिश्ती ने उन हिंदू दुकानदारों पर भी निशाना साधा था, जिनकी दुकानें दरगाह के आसपास के इलाकों में हैं। सरवर चिश्ती ने कहा था, “आज जो अजमेर शहर में हिन्दू भाई जुलूस निकाल रहे हैं, हमने तो पिछले जुमे को निकाला था जब हमारे पैगंबर मुहम्मद की शान में गुस्ताखी की गई थी। हमारे पास तो इसका वाजिब कारण है। हम तो किसी के देवी-देवताओं की बेइज्जती नहीं करते। हमने नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की माँग की थी, इस बात का जुलूस था। आप किस बात के लिए जुलूस निकाल रहे हैं? ये नूपुर शर्मा के समर्थन में जुलूस निकाला गया था, लेकिन अंत समय में पोस्टर-बैनर बदल दिया गया।

इसके साथ ही चिश्ती पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कनेक्शन होने का भी आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरवर चिश्ती खुद को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य बताता है। उसे इस संगठन के सदस्यों के साथ कई बार देखा जा चुका है। वह मंचों से कई बार पीएफआई की तारीफ कर चुका है। 2020 में, उसने यह कहते हुए पीएफआई का बचाव किया था कि संगठन ‘भारत के संविधान को बचा रहा है’। 

गौरतलब है कि कन्हैया लाल की 28 जून 2022 को उनके दुकान में घुसकर मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने गला काट डाला था। इन हत्यारों के कनेक्शन अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती से सामने आए थे। रिपोर्टों में बताया गया था कि कन्हैया लाल की हत्या से पहले गौहर उदयपुर गया था। हत्यारे उसके पास ही शरण लेने अजमेर आ रहे थे लेकिन रास्ते में पकड़े गए। गौहर फिलहाल फरार है। वहीं एक अन्य खादिम सलमान चिश्ती का वीडियो सामने आया था जिसमें वह नूपुर शर्मा की हत्या के लिए उकसा रहा था। दरगाह के बाहर भड़काऊ नारेबाजी में भी ये शामिल थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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