राजस्थान के करौली में हिंदू विरोधी हिंसा के मामले में शुक्रवार ( 8 अप्रैल 2022) को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रशासनिक जाँच के आदेश दे दिए। इसके साथ ही सरकार ने मामले में 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट माँगी। राजस्थान पुलिस ने मामले में ‘निष्पक्ष’ जाँच शुरू करने और 2 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में 105 आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद ऐसा किया है। लेकिन अब राजस्थान पुलिस हिंसा के लिए हिंदुओं को ही जिम्मेदार ठहरा रही है।
Rajasthan govt orders administrative probe in Karauli incident. Report to be presented in 15 days to state govt.
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 8, 2022
शनिवार (2 अप्रैल, 2022) को हिन्दू नव वर्ष (नव संवत्सर) के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही एक बाइक रैली पर पथराव के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था। इलाके में स्थानीय मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं की रैली में पथराव के बाद भड़के साम्प्रदायिक दंगों में पुलिसवालों समेत 42 लोग घायल हुए थे।
मामले की जाँच के दौरान शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों को हिरासत में लिया था और हिंसा भड़काने के आरोप में 37 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। हालाँकि, 8 अप्रैल 2022 को पुलिस ने हिंसा के लिए हिंदुओं की रैली को ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की। पुलिस ने मामले को जस्टिफाई करते हुए यह बताने की कोशिश की कि रैली के दौरान ‘आपत्तिजनक’ गाने बजाए गए, जिसके कारण पथराव हुआ। करौली हिंसा पर राजस्थान के डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने कहा कि नव संवत्सर को जिस तरह से शोभा यात्रा निकाला गया वो संदिग्ध था औऱ उसमें आपत्तिजनक गाने बजाए गए, इसलिए पथराव हुआ।
The way procession was taken out was dubious, songs played were objectionable & that’s why stone pelting took place. 105 people have been arrested & fair probe is being conducted: Mohan Lal Lather, DGP, Rajasthan on the Karauli incident pic.twitter.com/AdF4xxdEzS
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 8, 2022
लाठेर के मुताबिक, करौली के हटवाड़ा बाजार के अलावा प्रदेश में सभी जगह शांति बनी रही और लोगों ने सौहार्द के साथ इस त्योहार को मनाया। प्रदेश पुलिस के मुखिया ने कहा, “ऐसी घटना करौली में हुई क्योंकि 2015 के बाद से इस क्षेत्र में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था। पुलिस ने स्थिति की निगरानी के बाद आयोजकों को अनुमति दी थी, लेकिन डीजे के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी।”
करौली में हिंदुओं पर हमले के बाद से कॉन्ग्रेस का पार्षद मतलूब अहमद फरार है। वह मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदू नववर्ष पर हुई हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है। आरोप है कि इसी ने भाजपा नेता और जयपुर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर पर हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज करवाया था। वहीं अधिकारियों ने रैली की अनुमति के लिए आवेदन करने वाले संयोजक नीरज शर्मा, हिंदू सेना के प्रदेश अध्यक्ष साहब सिंह गुर्जर और नगर परिषद, करौली के पूर्व अध्यक्ष राजाराम गुर्जर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए शहर में 50 पुलिस उपाधीक्षकों सहित 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कर्फ्यू लगा दिया गया है, इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।