राजस्थान के करौली स्थित बूकना गाँव में जमीन विवाद को लेकर एक पुजारी को ज़िंदा जला कर मार डाला गया था। अब राधा-गोविन्द मंदिर के मृतक पुजारी बाबूलाल वैष्णव के परिजनों ने विरोध में शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार उनकी माँगें नहीं मानती, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा। राजस्थान में पुजारी बाबूलाल की हत्या के मामले में प्रमुख अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस घटना को लेकर बीजेपी की राज्य यूनिट भी पद्रेश सरकार पर हमलावर है। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी के सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने बूकना पहुँच कर गाँव के सैकड़ों लोगों के साथ धरना दिया और राज्य की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा। मृतक पुजारी के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 6 बेटियाँ और एक बेटा है।
मृतक पुजारी बाबूलाल की पत्नी विमला देवी ने राजस्थान सरकार से माँग की है कि सभी अभियुक्तों को फाँसी की सज़ा दी जाए, तभी इस मामले में न्याय हो पाएगा। परिजनों के एक रिश्तेदार ने परिवार के लिए 50 लाख रुपए और साथ ही बेटे के लिए सरकारी नौकरी की माँग की है। पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या के बाद राजस्थान स्थित करौली के बूकना गाँव पहुँचे सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा:
“मैं सपोटरा के बूकना गाँव में हूँ। गाँव के सभी जातियों के पंच-पटेलों के साथ वार्तानुसार यह निर्णय हुआ है कि मृतक परिवार को हर स्थिति में न्याय मिलना चाहिए। अपराधियों को सख्त सजा होनी चाहिए। मैंने मृतक पुजारी बाबूलाल वैष्णव के परिवार की एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता की है। जिम्मेदार लोगों को पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहना चाहिए, जिससे समाज में ऐसे कुकृत्यों की पुनरावृत्ति नहीं हो। मैं बूकना में मृतक बाबूलाल वैष्णव को न्याय दिलाने के लिए उनके परिवार व पंच-पटेलों के साथ धरने पर बैठ गया हूँ। अशोक गहलोत सरकार अपनी नींद तोड़े और न्याय करे।”
Rajasthan: Family members of priest Babulal, who was allegedly burnt alive by land encroachers in Karauli’s Bukna village, refuse to perform last rites of his body till all their demands are met by state govt.
— ANI (@ANI) October 10, 2020
Main accused has been arrested since priest succumbed to his injuries pic.twitter.com/1hjPqxMCCQ
मौत से पहले बयान देते हुए पुजारी बाबूलाल ने बताया था कि मंदिर की जमीन पर कब्ज़ा करने की इच्छा रखने वाले अतिक्रमणकारियों ने पेट्रोल डाल कर उन्हें जला दिया। ये घटना बुधवार (अक्टूबर 7, 2020) की है। इस मामले में कैलाश, शंकर, रामलखन और नमो को आरोपित बनाया गया है, जो मंदिर की जमीन पर छप्पर डाल रहे थे। सपोटरा अस्पताल से जयपुर रेफर किए गए पुजारी की शुक्रवार की शाम मौत हो गई।
मंदिर को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था और इस मामले में हुई पंचायत में पंच पटेलों ने आरोपितों को अतिक्रमण न करने को कहा था। साथ ही मंदिर की भूमि से कब्ज़ा हटाने का भी आदेश दिया था। हालाँकि, आरोपितों ने बात नहीं मानी और कब्ज़ा करना जारी रखा। पुजारी ने जब रोका तो उनके ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया गया। ‘परशुराम सेना’ ने भी इस घटना पर आक्रोश जताया है।
7 सितम्बर 2020 को हुई पंचायत के बाद 100 ग्रामीणों ने पुजारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इससे सम्बंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन आरोपितों ने उनकी एक न सुनी। भाजपा ने माँग की है कि सरकार को परिजनों की सहायता करनी चाहिए। साथ ही राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को भी यहाँ आकर पीड़ित परिवार से मिलने को कहा है। इस मामले में 5 आरोपित अभी भी फरार चल रहे हैं।
कुछ स्थानीय लोगों ने ऑपइंडिया को बताया था कि इस इलाके में भीम आर्मी की हिन्दू-घृणा की मानसिकता को खूब फैलाया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई है। हालाँकि, जब ऑपइंडिया ने और पूछताछ की तो पता चला कि इस तरह की बात नहीं है, लेकिन हत्या के बाद भीम आर्मी जैसी पार्टियाँ इस बात को जातिवादी रंग दे कर, अस्मिता आदि से जोड़ कर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही हैं।
स्थानीय हिंदूवादी संगठन के लोगों ने ऑपइंडिया को बताया कि पंडित जी राधा-गोविन्द मंदिर की सेवा करते थे। पुजारी को मंदिर के नाम पर जमीन दान की गई थी और इसी जमीन पर 50 साल के पुजारी अपना घर बना रहे थे। भू-माफिया इस जमीन का अतिक्रमण करना चाहते थे।