Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजवैक्सीन लगवा चुके राकेश टिकैत ने कहा- अगर किसानों को कोरोना होता है, तो...

वैक्सीन लगवा चुके राकेश टिकैत ने कहा- अगर किसानों को कोरोना होता है, तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी

"आंदोलन अगर खत्म हो जाए तो क्या देश से कोरोना खत्म हो जाएगा। वे हमारे गाँव हैं जहाँ हम 5 महीने से रह रहे हैं। अगर किसान कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।"

दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसान कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं, तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि किसान अपनी माँग पूरी हुए बिना किसी कीमत पर दिल्ली की सीमाओं से नहीं हटेंगे। राजधानी में 6 दिन का लॉकडाउन है, यह किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोक नहीं सकता है। कोरोना वैक्सीन लगवा चुके टिकैत ने कहा कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से कैसे बचाया जाए।

रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए टिकैत ने कहा, “आंदोलन अगर खत्म हो जाए तो क्या देश से कोरोना खत्म हो जाएगा। वे हमारे गाँव हैं जहाँ हम 5 महीने से रह रहे हैं। अगर किसान कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। जब देश भर में COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके लिए भी किसान ही जिम्मेदार हैं?”

उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई बीमारी है, तो सरकार को इसका इलाज सुनिश्चित करना चाहिए और इसके लिए अस्पतालों का निर्माण करना चाहिए। राजनेता अन्य उद्देश्यों के लिए धन एकत्र कर रहे हैं। वे रैलियाँ कर रहे हैं और चुनाव लड़ रहे हैं।

बीते दिनों किसान नेता राकेश टिकैत ने जम्मू जाने के दौरान कहा था कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए आंदोलन को जारी रखा जाएगा। ये कोई शाहीन बाग नहीं है, जिसे कोरोना वायरस के नाम पर खत्म किया जा सकता है।

किसानों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं राकेश टिकैत ने आगे जोर देकर कहा कि कोरोनो वायरस के प्रकोप के कारण आंदोलन नहीं रुकना चाहिए। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली-यूपी की सीमा के पास एक अस्पताल में वैक्सीन लगवाई है। इससे पहले टिकैत ने 13 अप्रैल को गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल के पास स्थित एक अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली थी।

बता दें कि दिल्ली में लॉकडाउन लगने से पहले ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान कर दिया था कि लॉकडाउन लगने के बावजूद बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन नहीं थमेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश टिकैत का किसानों पर खासा प्रभाव है। यही वजह है कि किसान न तो तीनों कृषि कानूनों की अच्छाई समझ पा रहे हैं और न ही इस पर हो रही राजनीति की गहराई तक पहुँच सके हैं। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -