मध्य प्रदेश के इंदौर के धार जिले से धर्मांतरण का मामला सामने आया है। वहाँ कुक्षी के पास स्थित पुनर्वास कॉलोनी में कैलाश डोडवे नाम का व्यक्ति घर के अंदर कुछ ग्रामीणों को भरके उन्हें तरह-तरह के लालच दे रहा था। कथिततौर पर उसने ग्रामीणों से कहा था कि अगर वह धर्मांतरण करते हैं तो उनकी बीमारियाँ ठीक हो जाएँगी और रुपए भी मिलेंगे। हालाँकि, समय रहते इस संबंध में ‘जनजाति विकास मंच’ को सूचना मिल गई और मंच के लोग उसे पकड़कर कुक्षी थाने ले गए।
बता दें कि इस मामले में पहले आरोपित के फरार होने की खबर आई थी। लेकिन, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, कैलाश के विरुद्ध इस तरह की शिकायतें पाकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान कई लोग गाँव में हो रहे धर्मांतरण के विरोध में थाने पहुँचे। पूछताछ में सामने आया कि पुनर्वास कॉलोनी में कैलाश किसी थान सिंह रावत के मकान में किराए के कमरे में रहता था और आसपास के ग्रामीणों को घर्म के नाम पर बरगलाता था।
मालूम हो कि शुक्रवार को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता अशोक सिंह ने पुलिस को बताया कि आरोपित ने अपने पास घर में एक किताब रखी हुई थी और उसी से ग्रामीणों का धर्मांतरण करवा रहा था। ग्रामीणों ने भी बताया कि कैलाश बीमारी ठीक करने के बाद नगद पैसे और अनाज देने की बातें भी करता था। थाने के टीआई दिनेश सिंह चौहान का कहना है कि पुनर्वास में ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर बीमारी ठीक करने के बहाने धर्म परिवर्तन करने की सूचना मिली थी। अब आरोपित के खिलाफ मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2020 की धारा 3 व 5 के तहत केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि कैलाश गरीब लोगों को धर्मांतरण की शिक्षा दे रहा था।
पिछले कुछ महीनों में MP से आए धर्मांतरण के मामले
बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत एक पादरी समेत तीन लोगों को पकड़ा गया था। इन पर आरोप था कि ये लोग आदिवासियों को लालच देकर उनका धर्मांतरण करवा रहे थे। पुलिस ने बताया था कि पकड़े गए सभी लोग झाबुआ जिले के एक गाँव में आदिवासियों को धर्मांतरण के लिए लुभाने में शामिल थे। इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया था कि धर्मांतरण के लिए मुफ्त स्वास्थ्य और शिक्षा ला लालच देते हुए ईसाई धर्म अपनाने को कहा जा रहा था।
इसके अलावा दिसंबर में प्रकाशित इंडिया टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में डेढ़ माह के अंदर 6 धर्मांतरण के मामले सामने आए थे। बरवानी से संबंधी एक केस में पुलिस ने एक जोड़े को गिरफ्तार किया था। ये लोग भी मुफ्त खाना, शिक्षा, दवाई और अन्य सुविधाओं का लालच देकर आदिवासी महिलाओं को ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाने का काम करते थे। इस केस से पूर्व भोपाल में एक ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित एक स्कूल का खुलासा हुआ था जहाँ कथिततौर पर हिंदू बच्चों का धर्मांतरण होता था। फिर, ऐसा ही एक मामला सागर जिले से आया था जहाँ एक पिता ने सेंट फ्रांसिस सेवाधाम पर धर्मांतरण कराने के आरोप लगाए थे और दावा किया था कि वहाँ बच्चों को गाय का मीट और बाइबल पढ़ने को मजबूर किया जाता है। नवंबर 2021 में रायसन जिले में एक महिला होस्टल से भी पर्दा उठा था जहाँ धर्मांतरण का खेल चल रहा था।