Friday, November 15, 2024
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दिव्यांगों-मजदूरों के लिए रोजाना भोजन और अस्पतालों में ब्लड डोनेशन के लिए आगे आया ‘सक्षम’

सक्षम ने कोरोना महामारी के समय में अपने नए प्रकल्प 'प्राणदा' की शुरुआत की। दरअसल कोरोना महामारी फैलने की वज़ह से स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन बंद हो गया था। इस वजह से ज्यादातर अस्पतालों के ब्लड बैंकों में खून की कमी होने लगी थी।

जब पूरा देश और दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, हर ओर से मदद के हाथ आगे बढ़ रहे हैं। इसी प्रयास में सभी 21 तरह की दिव्यांगता में काम करने वाले अखिल भारतीय संगठन समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) ने भी दिव्यांगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जारी 21 दिन के लॉकडाउन के पहले दिन से ही ‘सक्षम’ ने दिव्यांगों की मदद के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन सेवा 1800111090 शुरू की। इसके माध्यम से दिल्ली में रहने वाले दिव्यांगों को न सिर्फ भोजन बल्कि मेडिकल हेल्प भी दी जा रही है। इसके साथ ‘सक्षम’ गरीब दिहाड़ी मजूदरों को भी दो समय का भोजन उपलब्ध करा रहा है।

‘सक्षम’ द्वारा 24 मार्च से लगातार विभिन्न क्षेत्रों में दिव्यांगों को दोनों पहर का भोजन उनके निवास स्थान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह कार्य ‘सक्षम’ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ललित आनंद के मार्गदर्शन में दिल्ली प्रांत अध्यक्ष सतीश अग्रवाल, सचिव गोपाल कृष्ण और ‘सक्षम’ दिल्ली प्रांत कार्यकारिणी के सहयोग से किया जा रहा है।

प्रतिदिन 523 दिव्यांगों और 1200 से अधिक दिहाड़ी मज़दूर, जरूरतमंदों के छोटे-छोटे समूहों में दोनों समय का भोजन वितरित किया जा रहा है। संगठन मेडिकल हेल्प भी जरूरतमंदों तक पहुँचाने का काम कर रहा है। एम्स अस्पताल से इलाज ले रहे लक्ष्मी नगर निवासी रामानुज शर्मा लॉकडाउन की वजह से रूटीन चेकअप के लिए नहीं जा पा रहे थे। उनकी बीपी और पैरालिसिस की दवाएँ खत्म हो गईं थीं। ऐसे में ‘सक्षम’ के वॉलेंटियर्स ने उन्हें उनके घर पर दवाएँ मुहैया कराईं।

‘सक्षम’ के 20 कार्यकर्ताओं की टीम, संगठन की मोबाइल वैन्स के द्वारा दिल्ली के अलग-अलग कोनों में स्थित होस्टल्स में जाकर वहाँ रहने वालों को जरूरी सेवाएँ पहुँचा रहे हैं। जहाँगीरपुरी, बुराड़ी, संतनगर, अमन विहार, पूठ गाँव, जोंती गाँव, संगम विहार, मालवीय नगर झुग्गी बस्ती, कराला, नजफगढ़, नागलोई, रामा विहार, रजापुर गाँव आदि क्षेत्रों में भोजन वितरित किया जा रहा है।

‘सक्षम’ द्वारा किए जा रहे इस पुनीत कार्य में पंचशील क्लब के अध्यक्ष हिमांशु वैश्य, उपाध्यक्ष रज़्जी राय और दिल्ली लंगर सेवा सोसायटी के सरदार गुरविंदर सिंह ढींगरा (विक्की) द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। हिमांशी, हरेन्द्र, पूनम और वरुण पंवार का योगदान भी सराहनीय है। ‘सक्षम’ द्वारा किए जा रहे इस पुनीत कार्य की दिल्ली प्रदेश में सराहना की जा रही है।

ब्लड की कमी को दूर करने के लिए ‘प्राणदा’

सक्षम ने कोरोना महामारी के समय में अपने नए प्रकल्प ‘प्राणदा’ की शुरुआत की। दरअसल कोरोना महामारी फैलने की वज़ह से स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन बंद हो गया था। इस वजह से ज्यादातर अस्पतालों के ब्लड बैंकों में खून की कमी होने लगी थी।

दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल और AIIMS से जानकारी मिली कि ब्लड बैंकों में खून की कमी की वज़ह से थैलेसीमिया और ऐसे ही रुटीन में खून की जरूरत वाले मरीजों के आगे संकट मंडराने लगा है। इसे देखते हुए दिल्ली प्रांत ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल में ब्लड बैंक की हेड डॉक्टर प्रियंका गोगोई से बात की। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से डोनेशन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जो लोग मदद करना चाहते हैं, उन्हें ब्लड बैंक डोनर्स को लॉकडाउन के दौरान ‘मूवमेंट पास’ उपलब्ध कराएगा।

इसी कड़ी में सक्षम की ओर से 3 अप्रैल को 2 यूनिट ब्लड डोनेट करवाया गया। ‘प्राणदा’ के लिए सबसे पहले दो डोनर्स बीटेक कर रहे आकांक्षा गौड़ और आदित्य गौड़ बने। उन्होंने जीटीबी अस्पताल जाकर जरूरतमंदों के लिए ब्लड डोनेट किया। आदित्य ने कहा कि पहली बार ब्लड डोनेट करके अच्छा लग रहा है। वह भी ऐसी आपदा के समय में यह पुण्य काम करके सुकून मिला। आदित्य ने कहा कि वो अब नियमित रूप से ब्लड डोनेट करेंगे।

वहीं, आकांक्षा ने कहा कि यह अलग तरह का अनुभव है। ऐसे में, जब दुनिया घर से निकलने में भी डर रही है, ब्लड डोनेशन के लिए घर से निकलने में गर्व महसूस हो रहा है। आज 4 वॉलेंटियर डोनर्स ने और ब्लड डोनेट किया। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

क्या कर रही है सरकार?

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने लॉकडाउन में दिव्यांग समुदाय को ध्यान में रखते हुए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए। जैसे;

  • क्वारंटाइन या आइसोलेशन में रह रहे दिव्यांगों के लिए ज़रूरी खाना, पानी और दवाइयाँ उनके घर तक पहुँचाई जाएँ।
  • दिव्यांगों के परिजनों या उनके लिए काम करने वाली संस्थाओं को ई-पास उपलब्ध कराए जाएँ।
  • कोविड-19 से जुड़ी हर जानकारी स्थानीय और एक्सेसिबल भाषा (ऑडियो, सांकेतिक भाषा और ब्रेल) में उपलब्ध हो।
  • अस्पताल में काम करने वाले और अन्य आपातकालीन सेवाएँ देने वाले लोगों को दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील किया जाए।
  • हर सरकारी और निजी संस्थान में ज़रूरी सेवाएँ देने वाले दिव्यांगजनों को पूरे भुगतान के साथ छुट्टी दी जाए।
  • दुकानों में एक तय अवधि में सिर्फ़ दिव्यांगों और बुजुर्गों को खरीदारी की सुविधा दी जाए।
  • किसी भी तरह की मानसिक परेशानी के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग 0804611007।
  • 24 घंटे उपलब्ध हेल्पलाइन 011-23978046, 9013151515 जहाँ एक्सेसिबल तरीके से जानकारी मिल सके।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सोशल मीडिया हैंडल्स (Disability Affairs, @socialpdws) पर सांकेतिक भाषा, ऑडियो और वीडियो के ज़रिए कोविड-19 से जुड़ी कुछ जानकारियाँ भी समय-समय पर दी जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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