Tuesday, September 17, 2024
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‘केस वापस लो, वरना गाँव छोड़ कर भागो’: संभल में वाल्मीकि परिवार को धमका रहा हसनैन , साथियों को लेकर घुस जाता है घर में

मुन्नी देवी ने यह ही बताया था कि उन्हें रास्ते में जाता देख कर इकराम नाम का व्यक्ति गालियाँ भी देता है। पीड़िता ने तब पुलिस से अपने परिवार के जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले में एक मुस्लिम बहुल गाँव में दलित परिवार को पलायन के लिए धमकाने का मामला सामने आया है। पीड़ितों को पर 11 जून, 2024 में हुए एक मारपीट और SC/ST एक्ट के मुकदमें पर समझौता करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले में मुख्य आरोपित का नाम हसनैन है जिसने 25 जुलाई 2024 साथियों सहित पीड़ितों के घर में घुस कर अभद्रता की और जान से मार डालने की धमकी भी दी। सोमवार (5 अगस्त 2024) को पुलिस ने बताया कि हसनैन के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।

हसनैन व उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी है। पीड़ित परिवार ने घर के आगे पलायन के पोस्टर भी लगा लिए थे जिसे पुलिस द्वारा दिए गए सुरक्षा के आश्वासन के बाद हटा लिया गया है।

यह मामला सम्भल जिले के थाना क्षेत्र ऐंचोड़ा कंबोह का है। यहाँ के गाँव नहरौली की रहने वाली अशोक वाल्मीकि की पत्नी मुन्नी देवी ने मंगलवार (11 जून 2024) को पुलिस ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होने बताया था कि उनके गाँव के हसनैन, रिज़वान, जीशान, तौहीद का बेटा छिदिया और इकराम ने 11 जून (मंगलवार) को उनकी बेटी काजल को लात-घूँसों से मारा और जान से मार डालने की धमकी दी। इस दौरान आरोपितों ने काजल वाल्मीकि को गाँव से भगाने का भी एलान किया। तब पीड़िता ने इस हमले को अपने घर पर कब्ज़े की साजिश बताया था।

मुन्नी देवी ने यह ही बताया था कि उन्हें रास्ते में जाता देख कर इकराम नाम का व्यक्ति गालियाँ भी देता है। पीड़िता ने तब पुलिस से अपने परिवार के जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पुलिस ने इस मामले में 13 जून, 2024 को IPC की धारा 147, 148, 323, 504 और 506 के साथ SC/ST एक्ट में केस दर्ज कर लिया था। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। इस FIR में हसनैन, रिज़वान, छिदिया, जीशान और इकराम को नामजद किया गया था।

आरोप है कि तब से हसनैन और उसके साथी पीड़िता और उसके परिवार पर यह केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। जब वाल्मीकि परिवार ने यह केस वापस लेने से साफ इनकार कर दिया तो 25 जुलाई को हसनैन फिर अपने कुछ साथियों के साथ पीड़िता के घर में घुसा। उसने अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि या तो दलित परिवार उनका केस वापस ले वरना गाँव छोड़ कर क्ला जाए। ये दोनों बातें न मानने पर पीड़ित परिवार को जान से मार डालने की धमकी दी गई। आखिरकार रोज-रोज की धमकियों से तंग हो कर मुन्नी देवी और उनके पति अशोक वाल्मीकि ने गाँव से पलायन करने का मन बना लिया।

बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने घर के आगे पोस्टर लगा दिए। पोस्टर में घर बिकाऊ है लिखा हुआ था। इस बीच मामले की जानकारी पुलिस को मिली तो वो फ़ौरन गाँव में पहुँची। इलाके के डिप्टी एसपी आलोक सिद्दू पुलिस ने पीड़ित परिवार से बातचीत की और उन्हें पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया। पुलिस द्वारा मिले भरोसे के बाद अशोक वाल्मीकि ने घर पर लगा पलायन का पोस्टर हटा लिया है। हसनैन और उसके साथियों द्वारा 25 जुलाई को पीड़ित परिवार को दी गई धमकी पर FIR दर्ज कर ली गई है। घटना एक बाद आरोपित फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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