Monday, December 23, 2024
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4 साधुओं को भीड़ ने सांगली में बेरहमी से मारा, वीडियो वायरल: महाराष्ट्र (पालघर) में ही ईसाई मिशनरी कनेक्शन से हुई थी साधुओं की मॉब लिंचिंग

जिन साधुओं के साथ यह घटना हुई, वे मथुरा के श्री पंचमनामा जूना अखाड़ा के हैं। लिखित शिकायत नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की।

महाराष्ट्र के सांगली (Sangli) जिले में 4 साधुओं को बच्चा चोरी के शक में बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। ये घटना सांगली की जाट तहसील के लवंगा गाँव की है। ये चारों साधु यहाँ उत्तर प्रदेश के मथुरा से आए थे और पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे।

बताया जा रहा है कि स्थानीय लोग इन साधुओं की भाषा नहीं समझ पाए और बच्चा चोर समझ कर इनकी लाठी-डंडों से पिटाई (Sangli mob thrashed sadhu) कर दी। अभी तक किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है। मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में पुलिस का रिएक्शन सामने आया है।

सांगली के एसपी दीक्षित गेदाम ने कहा, “हमें कोई शिकायत/औपचारिक रिपोर्ट नहीं मिली है। हम वायरल वीडियो की जाँच कर रहे हैं और तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।”

साधुओं के मुताबिक, वे उत्तर प्रदेश के मथुरा से कर्नाटक देवदर्शन के लिए आए थे। वहाँ से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। ये लोग रात को गाँव के एक मंदिर में ठहरे थे। दूसरे दिन सुबह एक बच्चे से रास्ता पूछते समय ग्रामीणों को लगा की वे बच्‍चा चोर हैं, जिसके बाद ग्रामीण उन्हें लाठी, डंडों से पीटने लगे।

जिन साधुओं के साथ यह घटना हुई, वे मथुरा के श्री पंचमनामा जूना अखाड़ा के हैं। गलतफहमी की वजह से हुई इस घटना की कोई शिकायत या एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। पूछताछ के बाद साधु पंढरपुर के लिए निकल गए।

रिपोर्ट्स के अनुसार, सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुँची उमदी पुलिस ने घायल साधुओं का इलाज कराया। पुलिस ने बताया कि वो चारों साधु वहाँ से बिना शिकायत दर्ज कराए ही चले गए। लिखित शिकायत नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की। जिले के एसपी ने भी वीडियो वायरल होने के बाद जाँच करने की बात कही है।

पालघर मॉब लिंचिंग

बता दें कि महाराष्ट्र में साधुओं के साथ मारपीट की ये पहली घटना नहीं है। दो साल पहले पालघर जिले में 2 साधुओं की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। जूना अखाड़ा के महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष) और महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। लेकिन 16 अप्रैल 2020 की रात पालघर के दहानु तालुका के आदिवासी बहुल गडचिंचले गाँव में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने उन तीनों पर हमला किया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी।

पालघर में साधुओं की लिंचिंग के बाद मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि आदिवासी इलाकों में हिंदू संतों के खिलाफ एक हवा बनाई गई और इसी कारण संतों की मॉब लिंचिंग हुई। उस साजिश में ईसाई मिशनरियों के हाथ होने के भी संकेत मिले थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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