कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन को उग्र होने से रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही सारी तैयारी कर ली है। पूरे बेंगलुरु में 3 दिनों के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है। अर्थात, कहीं भी भीड़ के रूप में इकट्ठे होकर प्रदर्शन करने पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई का समाना करना पड़ सकता है। गुरुवार (दिसंबर 19, 2019) को सुबह 6 बजे से ही बेंगलुरु में धारा-144 लागू हो जाएगा, जो 3 दिनों तक यथावत रहेगा।
दरअसल, पुलिस ने ऐसा फ़ैसला इसीलिए लिया है क्योंकि ख़ुफ़िया सूत्रों से पता चला है कि इस विरोध प्रदर्शन का फायदा उठा कर कुछ असामाजिक तत्व हिंसा फैला सकते हैं। दिल्ली में हुए उपद्रव और दंगाइयों के तांडव के बाद बेंगलुरु पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। कलबुर्गी पुलिस कमिश्नर नागराज ने बताया कि कई विभागों में नियुक्तियों के लिए परीक्षाएँ होनी हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुए पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक नहीं करेगी और किसी को भी क़ानून अपने हाथ में नहीं लेने देगी।
#BREAKING: Bengaluru Police Commissioner Bhaskar Rao says, “Section 144 to be imposed throughout Bengaluru including Rural district from tomorrow 6 am for the next 3 days”.
— Bangalore Mirror (@BangaloreMirror) December 18, 2019
A ‘bandh’ has been called by consortium of Left wing & Muslim organisations tomorrow in Karnataka. (ANI) pic.twitter.com/CszrMFTuO1
बेंगलुरु के शहरी और ग्रामीण, दोनों ही इलाक़ों में धारा-144 लागू रहेगा। बता दें कि गुरुवार को कई वामपंथी व मजहबी संगठनों ने बंद का आयोजन किया था। पुलिस को ख़ुफ़िया सूचना मिली है कि इस्लामिक संगठनों और वामपंथियों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में कुछ देशविरोधी ताक़तें हिंसा पर उतर सकती हैं और दिल्ली की तर्ज पर बेंगलुरु में भी दंगा भड़काया जा सकता है। इसीलिए, पुलिस ने पहले से ही तैयार कर के धारा-144 लागू कर दी है। इसीलिए, अगले 3 दिनों तक कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा।
गुलबर्गा में 20 ऐसे एक्टिविस्ट्स को पुलिस ने पहले ही अपने शिकंजे में ले लिया है, जो इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले थे। यहाँ तक कि ऑटो रिक्शा यूनियनों तक को भी इस बंद में शामिल कर लिया गया था।
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