मध्य प्रदेश के शाजापुर में तिरंगा यात्रा के दौरान कुरैशी मोहल्ला के लोगों ने पथराव किया। तिरंगा यात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि ये यात्रा जैसे ही कुरैशी मोहल्ले में पहुँची, वहाँ मौजूद लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वहाँ हिंसा भड़क गई। ये रैली नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में निकाली जा रही है। जहाँ ये हमला हुआ, उसे मुस्लिमों के प्रभाव वाला इलाक़ा बताया जा रहा है।
मालवा क्षेत्र में स्थित शाजापुर में ये घटना बुधवार (जनवरी 8, 2020) को हुई। पत्थरबाजी होते देख कर आसपास के दूकानदार भी सहम गए और वो अपनी-अपनी दुकानें बंद कर के वहाँ से भाग खड़े हुए। रैली पर हमले होते ही वहाँ भगदड़ मच गई। पुलिस ने बताया कि वो सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपितों की तलाश में जुटी है। इस रैली का आयोजन शहर के 40 संगठनों ने मिल कर किया था। रैली में लोगों ने हाथों में तिरंगा झंडा लिया हुआ था। वो ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगा रहे थे। इसी दौरान उनपर हमला हुआ।
शाजापुर में आईआईटी परिसर से निकली रैली वापस यहीं पर आकर खत्म होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही पथराव कर दिया गया। हालाँकि, पुलिस ने कुछ दूसरी ही कहानी बताई है। पुलिस ने कहा है कि रैली के दौरान बीच में एक गाय आ गई थी, जिसके बाद पत्थरबाजी की अफवाह फ़ैल गई। पत्थरबाजी की अफवाह फैलते ही भीड़ पीछे की ओर भागी, ऐसा पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है।
शाजापुर की जनता CAA के साथ उमड़ा जनसैलाब#IndiasupportsCAA pic.twitter.com/r7zRUSYQK3
— rajmohan singh (@rajmohansingh81) January 8, 2020
भूतेश्वर क्षेत्र में पुलिस तैनात थी। पुलिस को जैसे ही मामले का पता चला, वो स्थिति नियंत्रित करने निकले। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद रैली आगे बढ़ पाई। पुलिस ने अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा है कि पत्थरबाजी किस ओर से पहली बार हुई। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खँगाल कर दोषियों को चिह्नित करने की बात कह रही है। फ़िलहाल हालात नियंत्रण में है और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
एक और बात जानने लायक है कि जिस कुरैशी मोहल्ले में पत्थरबाजी और हमला हुआ है, उसी जगह पर एक वर्ष पूर्व भी ऐसी घटना हुई थी। उस दौरान राजपूत समाज के एक समारोह पर हमला किया गया था। उस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।