Friday, November 15, 2024
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सूरज को पादरी ने ईसाई बनाया, फिर ऑनलाइन गेम के दौरान मिली लड़की इस्लाम कबूल कराने लगी: जामा मस्जिद लेकर जाने वाले मियाँ-बीवी गिरफ्तार

ऑपइंडिया के पास मौजूद शिकायत के अनुसार, सूरज ने अपनी तरफ से यह भी पता लगा लिया कि जिस शौक़ीन को कमरबतून उर्फ़ माही अपना मामा बता रही थी, वो असल में उसका शौहर है। इसके साथ ही जिस छोटी बच्ची को शौक़ीन अपनी भाँजी बता रहा था वो असल में कमरबतून और शौक़ीन की ही बेटी है।

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में धर्मान्तरण का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहाँ मजदूर तबके के एक हिन्दू युवक को पहले ईसाई बनाया गया और थोड़े समय बाद उसी युवक को इस्लाम कबूल करवाया गया। धर्मान्तरण की इन साजिशों में बीमारी से छुटकारा और ऑनलाइन गेम से लेकर हनी ट्रैप जैसी करतूत भी शामिल हैं। पुलिस ने शनिवार (16 सितंबर 2023) को घटना में शामिल एक मियाँ-बीवी को गिरफ्तार किया है। इनका नाम शौक़ीन और कमरबतून है।

घटना शामली जिले के थानाभवन थाना क्षेत्र की है। यहाँ के रहने वाले सूरज ने 15 सितंबर 2023 को पुलिस को फोन करके अपने खिलाफ धर्म परिवर्तन की साजिश की शिकायत की। सूरज के पिता की मौत 12 साल पहले हो चुकी है। सूरज कुल 5 भाई-बहन हैं। पिता की मौत के बाद उनकी माँ चंदो ने अपने देवर राजेंद्र से शादी कर ली थी। अक्सर बीमार रहने वाला राजेंद्र सभी बच्चों को लेकर पंजाब के एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता था। राजेंद्र की बीमारी ठीक करने के नाम पर उसी भट्ठे पर काम करने वालीं शामली की मूल निवासिनी कैलाशी ने उसे चर्च जाने की सलाह दी।

सूरज के मुताबिक, उसके पिता को खून की उल्टियाँ आती थीं। कुछ लोगों ने सूरज के मन में इसको लेकर भूत-प्रेत जैसे अन्धविश्वास डाल दिया। कैलाशी देवी सूरज के पूरे परिवार को लेकर चंडीगढ़ के कराली में स्थित मिनिस्ट्री चर्च ले गई, जहाँ का पादरी बलजिंदर है। यहाँ आराम के नाम पर सूरज के पूरे परिवार को 4 साल पहले ईसाई बनाकर उनके गलों में क्रॉस डाल दिया गया। इस बीच मोबाइल पर ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलने के दौरान सूरज की मुलाकात माही नाम की एक महिला से हुई। उसने खुद को दिल्ली की रहने वाली बताया।

माही ने सूरज को बताया कि वह ओखला में अपने मामा के यहाँ रहती है, क्योंकि उसकी माँ दुनिया में नहीं है। इसके साथ ही लड़की ने अपनी माँ के ईसाई और पिता के मुस्लिम होने की जानकारी दी। थोड़े समय की बातचीत के बाद माही और सूरज एक-दूसरे से शादी की कसमें खाने लगे। कुछ दिनों बाद माही ने खुद को बीमार बताया। इस पर सूरज ने उसे अपने साथ पादरी बलजिंदर के पास चंडीगढ़ चलने की सलाह दी। माही ने हामी भरी और शौक़ीन को लेकर सूरज के शामली स्थित गाँव मादलपुर आ गई।

सूरज के मुताबिक, गाँव में उसने माही का आधार कार्ड चेक किया तो उनका नाम कमरबतून निकला। हालाँकि सफाई देते हुए माही ने खुद को दोनों धर्मों को मानने वाली बताया। शौक़ीन और माही के साथ एक छोटी बच्ची भी थी। उसे शौक़ीन ने अपनी भाँजी बताया और कहा कि बहन की मौत के बाद वह उसे साथ ही रखता है। सूरज माही और बच्ची को लेकर चंडीगढ़ चर्च चला गया। इधर शौक़ीन सूरज के घर पर ही रुक गया। अगले दिन सूरज और माही चंडीगढ़ से लौटे। बाद में शौक़ीन और माही बच्ची को लेकर वापस दिल्ली लौट गए।

शिकायत में आगे बताया गया है कि कुछ दिनों बाद माही के बुलाने पर सूरज दिल्ली गया। यहाँ सूरज को शौक़ीन भी मिला। दोनों ने सूरज को लाल किला घुमाया और खातिरदारी करते हुए जामा मस्जिद ले गए। मस्जिद में दोनों ने सूरज को एक व्यक्ति से मिलवाया, जो हर बीमारी के इलाज का दावा कर रहा था। उस व्यक्ति ने ईसा मसीह को अपना नबी और अली को अपना अल्लाह बताया। आरोप है कि जामा मस्जिद में मिले व्यक्ति ने ईसाई मसीह के बजाय अल्लाह की इबादत करने की सलाह दी। यहीं पर सूरज को घर में क़ुरान सहित अन्य इस्लामी चीजें रखने और नमाज़ पढ़ने की सलाह दी गई।

खुद को पहले से परेशान बताते हुए सूरज ने माही और शौक़ीन की बातें मान ली। उसने नमाज़ पढ़ने के साथ अन्य इस्लामी तौर-तरीके सीखने और अपनाने शुरू कर दिए। इस बीच उसका नाम सूरज से असद रखने का दबाव बनाया जाने लगा। उसे इसी नाम से आधार कार्ड बनवाने के लिए भी कहा गया। सूरज का आरोप है कि माही और शौक़ीन ने असद नाम रखने पर उसका पासपोर्ट बनवा देने का भी भरोसा दिया। सूरज के अनुसार, जिस दिन उससे असद नाम के आधार कार्ड के फार्म पर दस्तखत करवाए जा रहे थे, उस दिन उसे बहला-फुसला कर करवाए जा रहे अपने धर्म परिवर्तन की साजिश का पक्का यकीन हो गया।

ऑपइंडिया के पास मौजूद शिकायत के अनुसार, सूरज ने अपनी तरफ से यह भी पता लगा लिया कि जिस शौक़ीन को कमरबतून उर्फ़ माही अपना मामा बता रही थी, वो असल में उसका शौहर है। इसके साथ ही जिस छोटी बच्ची को शौक़ीन अपनी भाँजी बता रहा था वो असल में कमरबतून और शौक़ीन की ही बेटी है। शौक़ीन और माही मूल रूप से गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के निवासी हैं, जो फ़िलहाल दिल्ली के ओखला इलाके में रह रहे थे।

सूरज ने पुलिस को कॉल करके दोनों के अपने घर में होने की जानकारी दी। शामिल पुलिस ने घेराबंदी करते हुए शौक़ीन और माही को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपितों पर IPC की धारा 420, 467 के साथ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध 2021 की धारा 3/5 (1) के तहत कार्रवाई की गई है। दैनिक जागरण के मुताबिक सूरज को इस्लामी मुल्क भेजने की भी साजिश रची जा रही थी। शामली जिले के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जाँच की जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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