भारत से असम को काटकर अलग कर देने की बात करने वाले शरजील इमाम के फोन से दिल्ली पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली हैं। कहा जा रहा है कि इन जानकारियों के आधार पर 15 और लोगों की पहचान हुई है। इनमें से कुछ को पुलिस ने नोटिस भी भेज दिया है और बाकी अन्य लोगों से पूछताछ जारी है। इन 15 चिह्नित लोगों में कुछ जामिया और कुछ एएमयू के छात्र भी शामिल हैं। इसके अलावा इस सूची में कुछ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का भी नाम है।
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— News18 India (@News18India) February 3, 2020
देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के फोन से पुलिस को मिली अहम जानकारी@KishoreAjwani pic.twitter.com/Z4DLEIhQds
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्राइम ब्रांच की पड़ताल में कुछ और जरूरी खुलासे भी हुए हैं। जैसे, शरजील के लैपटॉप मे विवादित पोस्टर मिला। इसे जामिया हिंसा से ठीक एक दिन पहले यानी 14 दिसंबर को शरजील ने तमाम जगहों पर सर्कुलेट किया था। इस पोस्टर में जामिया में इकट्ठा होने की बात लिखी थी। साथ ही सीएए/एनआरसी से संबंधित विवादित चीजें भी उसमें थीं। इसलिए, अब इन्हीं सबूतों के आधार पर पुलिस शरजील के ख़िलाफ़ जामिया हिंसा मामले में भी एफआईआर दर्ज करेगी और इस मामले में भी उसकी गिरफ्तारी होगी।
अब आगे की पड़ताल में शरजील के बैंक अकाउंट को भी खँगाला जा रहा है ताकि फंडिंग आदि से संबंधित जानकारी मिल सके। इसके अलावा इस बात की भी जाँच की जा रही है कि शरजील इमाम के साथ कौन-कौन लोग भड़काऊ भाषण में और विवादित पोस्टर छपवाने में शामिल थे।
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक पोस्टर में इमाम ने सीएए को असंवैधानिक बताया हुआ था। साथ ही उसमें मुस्लिमों के साथ होने वाले भेदभाव की भी बात थी। दिल्ली पुलिस के मुताबिक शरजील की इच्छा अंतरराष्ट्रीय मीडिया सुर्खियों में आने की थी। वो आर्टिकल 370, अयोध्या और सीएए को लेकर भारत के मुस्लिमों को कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए लगातार भड़का रहा था।
उल्लेखनीय है कि शुरुआती जाँच में पता चला है कि शरजील के लगभग 9 ऐसे लोगों से करीबी संबंध थे, जो इस्लामिक कट्टरपंथ से जुड़े थे। पीएफआई के भी वह लगातार संपर्क में था। पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि कहीं उसे विदेशी फंडिंग तो नहीं हुई।