इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि लड़की ने खुद ही मुसीबत मोल ली थी और उसके साथ बलात्कार के लिए वह खुद जिम्मेदार है। इस टिप्पणी के साथ ही अदालत ने आरोपित को जमानत दे दी। आरोपित को दिसंबर 2024 में छात्रा से रेप के लिए गिरफ्तार किया गया था। इस महिला से आरोपित की मुलाकात दिल्ली के हौज खास स्थित एक बार में हुई थी।
जस्टिस संजय कुमार सिंह ने कहा, “कोर्ट का मानना है कि अगर पीड़िता के आरोप को सच मान भी लिया जाए तो भी यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसने खुद ही मुसीबत आमंत्रित की और इसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार है। पीड़िता ने भी अपने बयान में इसी तरह का रुख अपनाया। उसकी मेडिकल जाँच में उसकी हाइमन फटी हुई मिली, लेकिन डॉक्टर ने यौन उत्पीड़न के बारे में कोई राय नहीं दी।”
यह मामला 21 सितंबर 2024 की है। पीड़ित लड़की दिल्ली के पास स्थित नोएडा के एक मशहूर यूनिवर्सिटी में M.A की पढ़ाई कर रही थी। वह ‘पेइंग गेस्ट’ (PG) में रहकर पढ़ाई करती थी। घटना वाले दिन वह अपनी तीन सहेलियों और उनके पुरुष मित्रों के साथ दिल्ली के हौज खास स्थित एक बार में गई थी। वहाँ सबने शराब पी और इस कारण वे बहुत नशे में थी।
पीड़िता ने नोेएडा पुलिस को दी गई गई शिकायत में कहा कि वे सभी सुबह 3 बजे तक बार में रहे थे। इस दौरान आरोपित बार-बार उसे अपने साथ चलने के लिए कहता रहा। आरोपित के आग्रह के कारण वह ‘आराम करने’ करने के लिए उसके घर जाने के लिए तैयार हो गई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपित के साथ जाने के दौरान वह रास्ते में उसे गलत तरीके से छूता रहा।
पीड़िता का यह भी आरोप है कि आरोपित नोएडा स्थित अपने घर ले जाने के बजाय उसे गुड़गाँव में एक रिश्तेदार के फ्लैट में ले गया। वहाँ ले जाकर आरोपित ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया। इस घटना के बाद पीड़िता ने नोएडा आकर 23 सितंबर 2024 को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने 11 दिसंबर 2024 को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
अपनी जमानत याचिका में आरोपित ने अदालत को बताया कि महिला को सहारे की जरूरत थी। इसलिए वह खुद उसके घर जाकर आराम करने के लिए राजी हो गई। आरोपित ने पीड़िता के इस आरोप से इनकार किया कि वह उसे अपने रिश्तेदार के फ्लैट में ले गया और उसके साथ दो बार बलात्कार किया था। उसने बताया कि उसने रेप नहीं किया था, बल्कि पीड़िता की सहमति से उसके साथ सेक्स किया था।
अदालत ने कहा कि पीड़िता MA छात्रा है और इसलिए वह नैतिकता और अपने कार्यों के परिणाम को समझने में सक्षम है। अदालत ने कहा, “इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के साथ-साथ अपराध की प्रकृति, साक्ष्य, अभियुक्त की मिलीभगत और दोनों पक्षों के विद्वान वकील की दलीलों को ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि आवेदक का मामला जमानत के लिए उपयुक्त है।”