श्रीनगर के रैनावारी में सिख लड़की के अपहरण और इस्लामिक धर्मांतरण के मामले में जेल में बंद आरोपित शाहिद नजीर भट्ट के परिवार के सदस्यों ने बताया है कि वो कभी भी एक सिख लड़की के साथ शाहिद के संबंधों के हिमायती थे ही नहीं।
शाहिद के परिवार वालों ने बताया कि 21 जून को वह घर से किसी का फोन आने पर निकल गया, लेकिन वापस नहीं लौटा। दो दिन बाद पुलिस उसकी सूचना लेकर आई और बताया कि शाहिद किसी सिख लड़की के साथ भाग गया है और उस लड़की के परिवार ने शाहिद के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है।
शाहिद की बड़ी बहन रुकैया भट्ट ने बताया कि शाहिद का तलाक हो चुका है और उसकी 6 साल की एक बेटी है, जो शाहिद के परिवार वालों के साथ रहती है। शाहिद और उसकी बीवी के बीच निकाह के 2 साल बाद ही तलाक हो गया था। रुकैया ने बताया कि वह खुद और उसके परिवार वाले शाहिद की उस सिख लड़की के साथ दोस्ती से नाखुश थे। रुकैया ने यह भी बताया कि उसने लड़की के परिवार वालों से शाहिद के शादीशुदा जीवन और उसकी बेटी के बारे में बताया था।
रुकैया का कहना है कि उसका परिवार शाहिद और सिख लड़की के निकाह से अनजान थे। शाहिद के घर से चले जाने के बाद परिवार के सदस्यों का उससे कोई सम्पर्क नहीं था, बल्कि पुलिस से शाहिद के बारे में जानकारी मिली जब पुलिस ने शाहिद की गिरफ्तारी के बारे में बताया।
हालाँकि, जिस सिख लड़की के अपहरण और धर्मांतरण का आरोप शाहिद पर लगाया गया है, वह अपने घर लौट आई और एक सिख लड़के से शादी कर ली है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के परमजीत सिंह ने शाहिद के साथ सिख लड़की के निकाह की खबर का खंडन किया है। सिंह ने बताया कि वह लड़की के परिवार से मिले हैं और अब सब कुछ ठीक है।
इसके विपरीत, अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सिख लड़कियों के धर्मांतरण और जबरन निकाह का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री अमित शाह से माँग की थी कि जम्मू और कश्मीर में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह धर्मांतरण कानून लागू किया जाए।