कर्नाटक के उडुपी जिले में स्थित पीयू कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर मुस्लिम लड़कियों द्वारा शुरू किए गए विवाद (karnataka Hijab Controversy) में तालिबान के बाद अब खालिस्तान की एंट्री हो गई है। खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने इस मामले में कूदते हुए मुस्लिमों को एक ‘नया मुस्लिम मुल्क’ बनाने और ‘हिजाब’ के लिए देश में जनमत संग्रह कराने की माँग के लिए भड़काया है।
हिजाब विवाद को हवा देते हुए SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो के जरिए झूठ फैलाया कि भारत सरकार देश में हिजाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने जा रही है। उसने कहा कि आज हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हो रही है, उसके बाद अजान और फिर नमाज व कुरान पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाएगा। हालाँकि, यह वीडियो अब डिलीट हो चुका है।
अपने वीडियो में पन्नू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को बदनाम करने की कोशिश करते हुए कहा, “मोदी का भारत हिंदू राष्ट्र बनना चाहता है। भारत के 20 करोड़ मुस्लिमों को क्या करना चाहिए? हिजाब जनमत संग्रह आंदोलन शुरू करो। भारत को तोड़ो। भारतीय संघ से अलग एक नया मुस्लिम मुल्क बनाना चाहिए, जिसका नाम ‘उर्दिस्तान’ हो।”
अपने दुष्प्रचार को आगे बढ़ाते हुए पन्नू वीडियो में आगे कहता है, “1992 में उन्होंने बाबरी मस्जिद को तोड़ा, मुस्लिम चुप रहे। गुजरात में मुस्लिमों की निर्मम हत्या हुई, फिर भी मुस्लिम चुप रहे। उन्होंने कश्मीर पर कब्जा कर लिया और मुस्लिम चुप रहे। जब कोई आपके धार्मिक प्रतीकों और विश्वासों पर हमला करे तो आपको चुप नहीं रहना चाहिए।”
खालिस्तानी चरमपंथी पन्नू कहता है कि हिजाब मुस्लिमों का मौलिक और जन्मसिद्ध अधिकार है। वह आगे कहता है, “पंजाब को भारत के कब्जे से मुक्त कराने के लिए सिख खालिस्तान जनमत संग्रह की ओर बढ़ रहे हैं। हम आपका (इस्लामवादियों) मार्गदर्शन करेंगे, आपको संगठित करेंगे और फंड भी देंगे। आप भारतीय संघ को तोड़कर एक ‘नया मुस्लिम देश उर्दिस्तान’ बनाने के लिए जनमत संग्रह करो।” इसके साथ ही उसने भारत के मुस्लिमों को पाकिस्तान से सीखने की भी सलाह दी है।
SFJ प्रमुख ने अपने चरमपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ‘हिजाब रेफरेंडम’ के नाम से एक वेबसाइट भी बना ली है, जो अब ऐक्टिव नहीं है। उसने कट्टरपंथी इस्लामवादियों से वेबसाइट पर अपना नाम, व्हाट्सएप नंबर और ईमेल आईडी साझा करने को कहा। इतना ही नहीं, पन्नू ने ‘उर्दिस्तान’ का नक्शा भी बना लिया है। उसकी कोरी कल्पना से भरे मुल्क में राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को शामिल किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि जहाँ हिजाब विवाद शुरू हुआ, उस कर्नाटक को कथित उर्दिस्तान में जगह नहीं मिला है।
इससे पहले जनवरी 2021 में पन्नू ने सिख युवकों से इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने और दिल्ली में अन्य जगहों से भारतीय ध्वज को हटाने के लिए उकसाया था। पन्नू ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार देने की घोषणा की। उसने भारत सरकार को धमकी देते हुए कहा था कि अगर शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति नहीं दी गई तो भारत के सिख खालिस्तान के सशस्त्र विद्रोह में शामिल होने से नहीं हिचकिचाएँगे।
कर्नाटक हिजाब मामला
कर्नाटक के उडुपी जिले के पीयू कॉलेज में हिजाब का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। बाद में इसके विरोध में मुस्लिम महिलाओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बताते हुए कक्षाओं में इसे पहनने की छूट माँगी थी। हालाँकि, हिजाब पहनने पर अड़ी मुस्लिम छात्राओं के विरोध में हिंदू छात्र भी भगवा स्कार्फ लेकर कॉलेज जाने लगे।