झारखंड में लोहरदगा जिले के हिरही गाँव में रामनवमी के मौके पर भड़की हिंसा के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हिरही में हिंदू जुलूस पर किया गया हमला एक इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन की सुनियोजित साजिश थी, जिसमें स्पीपर सेल्स शामिल थे। इलाके में तनाव के हालात को देखते हुए चौथे दिन भी इंटरनेट सर्विस को बंद रखा गया है।
पूरे इलाके में धारा 144 लागू की गई है। मंगलवार (12 अप्रैल, 2022) को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इलाके का दौरा किया था। उन्होंने मामले में प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई के शामिल होने की आशंका जताते हुए इसकी हाई लेवल जाँच की माँग की थी। हिरही सांप्रदायिक हिंसा को लेकर एसडीओ अरविंद कुमार लाल का कहना है कि बीते दो साल से स्लीपर सेल्स किसी न किसी रूप में अपनी गतिविधियों को चला रहे थे। प्रशासन को ये सूचना मिली है कि फुटबाल कंपटीशन के बहाने से इसके लिए फंडिंग की जा रही थी।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, रामनवमी के दिन शहर के दुपट्टा चौक से कुटूम डोड्हा टोली में कट्टरपंथी समूहों के संपर्क में रहे स्लीपर सेल के लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। ये लोग ऑटो से घूम रहे थे, लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी मिलते ही ये वहाँ से भाग खड़े हुए और हिरही गाँव में इन्होंने हिंसा को अंजाम दिया।
ऐसे हुई हिंसा
हिरही हिंसा पर एसडीओ अरविंद लाल का कहना है कि कब्रिस्तान में पथराव के बाद जब रामनवमी के जुलूस को समझाकर भोक्ता बगीचा के मेले तक पहुँचाया गया। हालाँकि, भोक्ता रेलवे स्टेशन के पास करीब 70-80 लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। इससे ये बात पता चलती है कि ये दंगा पूरी तरह से प्लांड था।