Wednesday, May 1, 2024
Homeदेश-समाज4 साल के थे तो नक्सलियों ने पिता को मार डाला, जबरन धर्मांतरण के...

4 साल के थे तो नक्सलियों ने पिता को मार डाला, जबरन धर्मांतरण के बाद माँ भी चल बसीं: अब JNU में वामपंथियों से लड़ रहे उमेश चंद्र, ABVP ने अध्यक्ष चुनाव में उतारा

1997 में उनके पिता सीताराम नायक अजमीरा की नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। वामपंथी आतंकियों ने जब इस वारदात को अंजाम दिया, तब उमेश की उम्र मात्र 4 वर्ष थी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उमेश चंद्र अजमीरा को JNU (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में छात्र संघ के अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। वामपंथियों का गढ़ रही इस यूनिवर्सिटी में इस बार भगवा संगठन जीत के लिए पूरा जोर लगा रहा है। उमेश चंद्र तेलंगाना के वारंगल के रहने वाले हैं। 1997 में उनके पिता सीताराम नायक अजमीरा की नक्सलियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। वामपंथी आतंकियों ने जब इस वारदात को अंजाम दिया, तब उमेश की उम्र मात्र 4 वर्ष थी।

पिता की हत्या के बाद उमेश चंद्र की माँ का जबरन धर्मांतरण करा दिया गया। पति की हत्या और जबरन धर्मांतरण से प्रताड़ित माँ इन घटनाओं को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और कुछ ही दिनों बाद चल बसीं। एक नक्सल प्रभावित गाँव से उमेश चंद्र ने इन मुश्किलों को पार करते हुए JNU तक का सफर तय किया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई है। उन्हें ABVP ने जेएनयू में अपनी यूनिट का अध्यक्ष बनाया। अब 2024 छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए वो ताल ठोकेंगे।

उमेश चंद्र अजमीरा जनजातीय बंजारा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, यानी वो अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। ABVP नक्सली हिंसा के पीड़ितों के लिए लगातार न्याय की माँग करती रही है। उमेश चंद्र JNU में ही उच्च शिक्षा के दौरान ABVP के संपर्क में आए थे। उनका कहना है कि छात्र संगठन ने किसी अपने की तरह उनका स्वागत किया। वो JNU में यूनाइटेड स्टेट स्टडीज में Ph.D कर रहे हैं। उन्हें पॉलिटिकल साइंस में JRF अवॉर्ड मिल चुका है, ऐसे में उनका अकादमिक करियर भी अच्छा रहा है।

उनके नाम में ‘अजमीरा’ सरनेम है, क्योंकि उनके पूर्वजों की जड़ें राजस्थान के अजमेर में जाती हैं। वारंगल के पास स्थित उनके गाँव का नाम गाजमपल्ली है। उनके पिता किसान थे और ग्रामीण उन्हें नेता मानते थे, इसीलिए नक्सलियों ने उन पर हमला कर के उनकी हत्या कर दी थी। परिवार को खत्म करने के लिए उसके बाद भी कई बार हमले किए गए। उन्होंने बताया कि उन्हें बचाने के लिए उनकी माँ को कुछ लोगों के पाँव पर भी गिरना पड़ा। यही कारण है कि आज भी वो नक्सलवाद के खिलाफ खासे मुखर हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बंगाल, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु…. हर जगह OBC का हक मार रहे मुस्लिम, यूँ ही PM मोदी को नहीं कहना पड़ा- मेरे जीते जी...

पीएम मोदी ने कहा कि वे जब तक जिंदा हैं, तब तक देश में धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने देंगे। हालाँकि, कुछ राज्यों में मुस्लिम आरक्षण है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या में रामलला के किए दर्शन: हनुमानगढ़ी में आशीर्वाद लेने के बाद सरयू घाट पर सांध्य आरती में भी हुईं...

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अयोध्या पहुँची। राष्ट्रपति ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में दर्शन किए। वहाँ पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रामलला के दर्शन करने पहुंचीं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -