सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (11 जून 2021) को पश्चिम बंगाल सरकार को बिना किसी अनाकानी के ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना को तत्काल लागू का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि आप एक के बाद दूसरी समस्या का हवाला नहीं दे सकते हैं। यह योजना प्रवासी श्रमिकों के लिए है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को होने वाली समस्याओं और असंगठित श्रमिकों की पंजीकरण प्रक्रिया से संबंधित मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, ताकि वे रजिस्ट्रेशन करवा कर विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ उठा सकें।
Supreme Court asks West Bengal government to implement one nation-one ration card immediately without any excuse.
— ANI (@ANI) June 11, 2021
“You can not cite one or the other problem. This is for migrant workers,” Supreme Court says. pic.twitter.com/SmkYiy2X3f
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि आधार कार्ड की दिक्कतों की वजह से ये योजना लागू नहीं हो पाई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे (पश्चिम बंगाल सरकार) केंद्र सरकार की ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना लागू करनी ही होगी। जस्टिस एमआर शाह ने कहा, “कोई बहाना नहीं चलेगा। जब सारे राज्य ये कर चुके हैं तो पश्चिम बंगाल को क्या दिक्कत है। हर हाल में ये योजना लागू होना चाहिए।” कोर्ट के रुख को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने इससे सहमति जताई।
हाल ही में दो और मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़काया है। मंगलवार (8 जून 2021) को सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 के बाद अनाथ हुए बच्चों के संबंध में फैसला सुनाते हुए तृणमूल कॉन्ग्रेस की सरकार को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ”सभी राज्यों ने उसके आदेश को मानते हुए व्यवस्थित रूप से सूचनाओं को अपलोड किया है, लेकिन एक पश्चिम बंगाल सरकार ही है, जिसे ये आदेश अब तक समझ में ही नहीं आया।”
साथ ही शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि सरकार कन्फ्यूजन वाला बहाना न बनाए, क्योंकि जब सारे राज्यों ने आदेश का पालन किया है, तो केवल बंगाल के लिए कन्फ्यूजन कैसे हो सकता है? कोर्ट ही ये भी आदेश दिया था कि पश्चिम बंगाल सरकार न सिर्फ सूचनाओं को अपलोड करे, बल्कि अनाथ बच्चों के लिए चल रही योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचाए।
Supreme Court seeks Covid orphans’ data from Delhi, Bengalhttps://t.co/gGWr2ulOq2 pic.twitter.com/IkWUiEquoK
— Hindustan Times (@htTweets) June 7, 2021
उससे पहले शीर्ष अदालत ने वेस्ट बंगाल हाउसिंग इंडस्ट्रीज रेगुलेशन ऐक्ट-2017 (WBHIRA) को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने 4 मई 2021 को यह फैसला दिया था। बंगाल सरकार ने यह कानून केंद्र सरकार की रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 2016 (RERA) की जगह बनाया था। राज्य सरकार के कानून को असंवैधानिक करार देते हुए अदालत ने कहा था कि समानांतर शासन स्थापित करने का प्रयास स्वीकार नहीं किया जा सकता।