सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 अप्रैल 2022) को लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत रद्द कर दी। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को एक सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल 2022 को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था।
Supreme Court cancels bail granted to Ashish Mishra in the Lakhimpur Kheri violence case, directs him to surrender within a week pic.twitter.com/kIQJZ7UzHA
— ANI (@ANI) April 18, 2022
लखीमपुर खीरी हिंसा
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले के तिकुनिया (Tikunia Violence) में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। आशीष मिश्रा और उसके साथियों पर आरोप था कि वह किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गए थे। इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
‘घटना एक सोची-समझी साजिश थी‘
लखीमपुर खीरी हिंसा की जाँच कर रही यूपी पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से कहा था कि 4 किसानों और एक पत्रकार की हत्या की घटना एक ‘सोची-समझी साजिश’ थी। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा इस मामले के 13 आरोपितों में शामिल था। एसआईटी के आवेदन पर दलीलों को सुनने के बाद लखीमपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने 14 दिसंबर 2021 को इस मामले की पड़ताल कर रही SIT को मुकदमे में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने की इजाजत दी थी।
आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बताया था
3 जनवरी 2022 को एसआईटी (SIT) ने CJM कोर्ट में इस मामले में चार्जशीट दायर की थी। एसआईटी ने 5,000 पन्नों की चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बताया था। दिसंबर 2021 में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची-समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी। चार्जशीट में बाद में आशीष मिश्रा के साथ उसके साले वीरेंद्र शुक्ला का भी नाम जोड़ा गया था। उस पर पुलिस को झूठी सूचना देने और सबूत मिटाने का आरोप था। एसआईटी ने सभी आरोपितों पर 307, 326, 302, 34,120बी, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया था।
9 अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था
आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर 2021 को 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। 12 घंटे तक चली लंबी पूछताछ में उससे 40 सवाल पूछे गए थे। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को 15 फरवरी को 129 दिन बाद जेल से रिहाई मिली थी। उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट से 10 फरवरी को जमानत मिली थी।