सुप्रीम कोर्ट ने रामनवमी पर देश भर में श्रद्धालुओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामलों की जाँच का आदेश देने से इनकार कर दिया है। ये याचिका ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक ट्रस्ट द्वारा दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 अप्रैल, 2023) को ख़ारिज कर दिया। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने इस याचिका में कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देश भर में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया और हिन्दू श्रद्धालु इसका शिकार बने।
याचिका में जानकारी दी गई थी कि हर साल रामनवमी के दौरान इस तरह की हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वो पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना में स्थित हाईकोर्ट्स में याचिका दायर करें। बता दें कि महाराष्ट्र में भी इस तरह की घटनाएँ सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल में इसका सबसे ज़्यादा असर देखने को मिला। वहाँ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान से भी कट्टर इस्लामी गुंडों को सह मिला।
इस याचिका में हिन्दू संस्था ने माँग की कि हिन्दुओं की शोभा यात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। रामनवमी के अलावा सभी त्योहारों पर सुरक्षा की माँग की गई। साथ ही कहा गया कि जो मुस्लिम हिन्दू पर्व-त्योहारों को पसंद नहीं करते हैं, वो इस पर हमला कर देते हैं। बताया गया कि एक साजिश के तहत इस तरह के हमले किए जाते हैं। याचिका में माँग की गई कि जिन-जिन राज्यों में ऐसी हिंसा हुई है, वहाँ के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट तलब की जाए।
BREAKING: #SupremeCourt REFUSES to entertain plea seeking probe into Ram Navami Violence incidents across India
— LawBeat (@LawBeatInd) April 17, 2023
साथ ही राज्य सरकारों को ये आदेश जारी करने का निवेदन भी किया गया था कि हिंसा की इन घटनाओं में जिन पीड़ितों को नुकसान पहुँचा, उनके नुकसान की भरपाई की जाए। पश्चिम बंगाल के हावड़ा, बिहार के नालंदा, तेलंगाना के हैदराबाद, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, गुजरात के वरोदड़ा और झारखंड के जमशेदपुर में इस साल हुई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया गया। किसी इलाके को मुस्लिम बहुल क्षेत्र कह कर शोभा यात्रा न निकालने को कहा जाता है – इसे रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने की माँग भी याचिका में की गई थी।